प्रवासी मजदूरों और महिलाओं की मदद से अर्थव्यवस्था बढ़ाया जा सकता है : मोहम्मद यूनुस

बांग्लादेश में ग्रामीण बैंक के संस्थापक और नोबेल पुरस्कार विजेता और अर्थशास्त्री मोहम्मद यूनुस ने आज कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी से बातचीत की। मोहम्मद यूनुस ने इस दौरान कहा कि कोरोना संकट ने हमें नई दुनिया और वैकल्पिक अर्थव्यवस्था बनाने का मौका दिया है।

बता दें कि कोरोनावायरस संकट और देश की अर्थव्यवस्था को लेकर राहुल गांधी लगातार दुनिया भर कि जानी-मानी हस्तियों से बात कर रहे हैं। ऐसे में उन्होंने आज बांग्लादेश ग्रामीण बैंक के संस्थापक मोहम्मद यूनुस से बात की। मोहम्मद यूनुस ने इस दौरान कहा कि कोरोना संक्रमण आर्थिक मशीन को रोक दिया है। लोग सोच रहे हैं कि पहले जैसी स्थिति जल्द हो जाए। लेकिन ऐसी जल्दी क्या है अगर ऐसा होता है तो बहुत बुरा होगा। हमें उसी दुनिया में वापस क्यों जाना है जहां ग्लोबल वार्मिंग का मसला है और बाकी सभी तरह की दिक्कतें हैं। यह हानिकारक होगा कोरोनावायरस ने आपको कुछ नया करने का मौका दिया है आपको कुछ अलग करना होगा ताकि समाज पूरी तरह से बदल सके।

उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूर, महिलाएं आदि इकोनामी के फॉर्मल सेक्टर का हिस्सा नहीं है। अगर हम उनकी मदद करें तो पूरी अर्थव्यवस्था को आगे ले जा सकते हैं लेकिन हम ऐसा नहीं करते हैं। अगर महिलाओं की बात करें तो उन्हें समाज में निचला दर्जा दिया गया है। अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में उन्हें कोई पूछता ही नहीं है। लेकिन महिलाओं ने समय-समय पर खुद को साबित किया है हमने उन्हीं की ताकत को समझकर ग्रामीण बैंक को इतना सफल बनाया है।

मुहम्मद यूनुस ने कहा कि लोग आर्थिक मामले में पश्चिमी देशों की तरह चलते हैं। इसलिए इनकी ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। छोटे मजदूरों और कारोबारियों के पास कई टैलेंट है लेकिन सरकार उन्हें अर्थव्यवस्था का हिस्सा नहीं मानती है। पश्चिम में गांव के लोगों को शहर में नौकरी के लिए भेजा जाता है वही अब भारत में हो रहा है। हम गांव में ही अर्थव्यवस्था क्यों नहीं खड़ी कर देते हैं। पहले शहर के पास इन्फ्राट्रक्चर था गांव के पास नहीं लेकिन आज सभी तकनीक है तो फिर क्यों लोगों को शहर भेजा जा रहा है? सरकार को जहां लोग हैं वहां पर ही काम लाना चाहिए।

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