स्विस बैंक में 20 हजार करोड़ से अधिक हुआ भारतीयों का फंड? केंद्र ने किया खंडन

नई दिल्‍ली. केंद्र सरकार (Central Government) ने शनिवार को उन खबरों का खंडन किया, जिसमें कहा गया था कि स्विस बैंक (Swiss Bank) में कथित तौर पर रखे काले धन (Black Money) में 286 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ है. केंद्र सरकार की ओर से जानकारी देते हुए कहा गया है कि जब इस संबंध में स्विस अधिकारियों से बात की गई तो उन्‍होंने इस तरह की खबरों की सत्‍यता से इनकार कर दिया. बता दें कि स्विट्जरलैंड के केंद्रीय बैंक की ओर से जारी की गई सालाना रिपोर्ट के मुताबिक साल 2020 के दौरान स्विस बैंकों में भारतीय नागरिकों और संस्थानों व कंपनियों का जमा धन बढ़कर 2.55 अरब स्विस फ्रैंक (करीब 20,700 करोड़ रुपये) से अधिक हो गया है.

रिपोर्ट में इस बात की भी जानकारी दी गई है कि एक ओर जहां निजी बैंक खातों में जमा पैसे में कमी देखने को मिल रही है, वहीं सिक्‍योरिटीज और अन्‍य तरीकों से जमकर पैसा जमा कराया गया है. स्विस नेशनल बैंक (एसएनबी) के डाटा के मुताबिक, साल 2019 के अंत तक बैंक में भारतीयों की जमा रकम 899 मिलियन स्विस फ्रैंक (6,625 करोड़ रुपये) थी जिसमें साल 2020 में 286 प्रतिशत का उछाल देखने को मिला है और यह रकम अब 2.55 अरब स्विस फ्रैंक (करीब 20,700 करोड़ रुपये) से अधिक हो चुकी है. साल 2019 का आंकड़ा दो साल की गिरावट के ट्रेंड के उलट था और पिछले 13 साल में बैंक में भारतीयों की जमा का सर्वोच्च स्तर था.

स्विस नेशनल बैंक के आंकड़े के अनुसार 2006 में यह करीब 6.5 अरब स्विस फ्रैंक के रिकार्ड स्तर पर था. उसके बाद इसमें 2011, 2013 और 2017 को छोड़कर गिरावट आई. एसएनबी के अनुसार 2020 के अंत में भारतीय ग्राहकों के मामले में स्विस बैंकों की कुल देनदारी 255.47 करोड़ सीएचएफ (स्विस फ्रैंक) है. इसमें 50.9 करोड़ स्विस फ्रैंक (4,000 करोड़ रुपये से अधिक) ग्राहक जमा के रूप में है.

वहीं 38.3 करोड़ स्विस फ्रैंक (3,100 करोड़ रुपये से अधिक) अन्य बैंकों के जरिए रखे गए हैं. ट्रस्ट के जरिए 20 लाख स्विस फ्रैंक (16.5 करोड़ रुपये) जबकि सर्वाधिक 166.48 करोड़ स्विस फ्रैंक (करीब 13,500 करोड़ रुपये) बांड, सिक्योरिटीज और अन्य फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स के रूप में रखे गए हैं.

एसएनबी ने कहा कि ग्राहक खाता जमा के रूप में क्लासिफाइड फंड वास्तव में 2019 की तुलना में कम हुआ है. साल 2019 के अंत में यह 55 करोड़ स्विस फ्रैंक था. ट्रस्ट के जरिए रखा गया धन भी 2019 में 74 लाख स्विस फ्रैंक के मुकाबले पिछले साल आधे से भी कम हो गया है. हालांकि, दूसरे बैंकों के माध्यम से रखा गया फंड 2019 के 8.8 करोड़ स्विस फ्रैंक के मुकाबले तेजी से बढ़ा है. वर्ष 2019 में चारों मामलों में फंड में कमी आई थी.

विभिन्न देशों के ग्राहकों की जमा राशि करीब 2,000 अरब स्विस फ्रैंक पर पहुंचा

कुल मिलाकर स्विस बैंकों में विभिन्न देशों के ग्राहकों की जमा राशि 2020 में बढ़कर करीब 2,000 अरब स्विस फ्रैंक पहुंच गई. इसमें से 600 अरब स्विस फ्रैंक विदेशी ग्राहकों की जमा राशि है. सूची में ब्रिटेन अव्वल है. उसके नागरिकों के स्विस बैंकों में 377 अरब स्विस फ्रैंक जमा हैं. उसके बाद अमेरिका के (152 अरब स्विस फ्रैंक) का स्थान है. टॉप 10 में अन्य वेस्टइंडीज, फ्रांस, हांगकांग, जर्मनी, सिंगापुर, लक्जमबर्ग, केमैन आईलैंड और बहामास हैं. भारत इस सूची में 51वें स्थान पर है और न्यूजीलैंड, नॉर्वे, स्वीडन, डेनमार्क, हंगरी, मॉरीशस, पाकिस्तान, बांग्लादेश तथा श्रीलंका जैसे देशों से आगे है. ब्रिक्स देशों में भारत, चीन और रूस से नीचे लेकिन दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील से आगे है. आंकड़े के अनुसार स्विस बैंकों में ब्रिटेन, अमेरिका के ग्राहकों का फंड कम हुआ. बांग्लादेश के भी ग्राहकों का धन घटा लेकिन पाकिस्तानी ग्राहकों का फंड दोगुना होकर 64.20 करोड़ सीएचएफ (स्विस फ्रैंक) हो गया.

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