हाईकोर्ट ने डीयू की कट ऑफ डेट पर जताई नाराजगी

नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) की ओर से रिजल्ट के लिए पेश कट ऑफ डेट पर नाराजगी जताई है। जस्टिस हीमा कोहली की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से कहा कि सुनवाई की अगली तिथि तय ये बताएं कि इस कट ऑफ डेट में बदलाव के लिए क्या कदम उठाए गए।

आज सुनवाई के दौरान दिल्ली यूनिवर्सिटी ने कहा कि वह फाइनल ईयर के छात्रों का रिजल्ट अक्टूबर के आखिरी सप्ताह तक ही घोषित कर पाएगी। इस पर कोर्ट नाराज हो गई । कोर्ट ने कहा कि हम इससे खुश नहीं हैं। यह नहीं है कि इसे हासिल नहीं किया जा सकता है। पिछले 15 सितंबर को हाईकोर्ट ने दिल्ली यूनिवर्सिटी को निर्देश दिया था कि वह अपने सभी कॉलेजों को पत्र भेजकर कहे कि वे उत्तर-पुस्तिकारओं के मूल्यांकन में तेजी लाएं ताकि अंडर ग्रेजुएट के फाइनल ईयर के छात्रों का रिजल्ट अक्टूबर के पहले हफ्ते में जारी किया जा सके।

सुनवाई के दौरान दिल्ली यूनिवर्सिटी ने कहा था कि डीन ऑफ एग्जामिनेशन के लिए ये काफी मुश्किल है कि वो विभिन्न कॉलेजों के विभागाध्यक्षों पर अपनी इच्छा थोपें। प्रोफेसर रावत ने कहा था कि उन्हें कंफर्ट लेटर के लिए नौ सौ आवेदन मिले हैं। उनमें से हमने 292 ई-मेल को चयनित किया है। इनमें से 14 पीजी के हैं। तब कोर्ट ने पूछा था कि क्या ये सभी भारतीय यूनिवर्सिटीज के लिए हैं। तब प्रोफेसर रावत ने कहा था कि इसका हमें पता नहीं। हमें पता करना होगा कि क्या उन नौ सौ आवेदनों में भारतीय यूनिवर्सिटीज के लिए भी आवेदन आए हैं। तब कोर्ट ने पूछा था कि क्या यूजीसी ने ये नहीं कहा था कि भारतीय यूनिवर्सिटीज 30 सितंबर के बाद भी रिजल्ट के लिए जोर नहीं देंगी।

कोर्ट ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से पूछा था कि क्या आप 25 सितम्बर तक गोपनीय रिजल्ट जारी कर सकते हैं। तब रावत ने कहा था कि यह संभव नहीं है। तब कोर्ट ने कहा था कि 30 सितम्बर तक उन पीजी छात्रों का रिजल्ट जारी करें जिन्होंने विदेशी यूनिवर्सिटीज में दाखिले के लिए आवेदन किया है। तब रावत ने कहा था कि रिजल्ट भेज देंगे । तब कोर्ट ने कहा था कि भेज नहीं देंगे रिजल्ट जारी करें। तब रावत ने कहा कि ठीक है।

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