हरिद्वार : लोकपरंपरा और संस्कृति के रंगों से सराबोर हुई कुंभनगरी

हरिद्वार : धर्मनगरी हरिद्वार लोक परंपराओं व संस्कृति के रंगों से सराबोर हो उठी है। यहां दीवारों पर उकेरा गया लोक परंपराओं व पौराणिक संस्कृति का वैभव भी श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करेगा।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार दिव्य और भव्य कुम्भ के लिए प्रतिबद्ध है। प्रयास किए जा रहे हैं कि कुंभ में यहां आने वाले करोड़ों श्रद्धालु उत्तराखण्ड की लोक व सांस्कृतिक विरासत से भी रूबरू हों।

इसके लिए चित्रकला को जरिया बनाया गया है। कुंभ क्षेत्र में सरकारी भवनों समेत पुल, घाट आदि की दीवारों को धार्मिक मान्यताओं के पौराणिक चित्रों व संस्कृति के रंग बिखेरते चित्रों से सजाया गया है।

इसके पीछे भी मंशा यही है कि देश और दुनिया से आए श्रद्धालुओं के मन में आस्था भाव का तो जागृत हो ही वह यहां की परंपरा, संस्कृति और पौराणिक विरासत से भी रूबरू हो सकें।

हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण के ‘पेंट माई सिटी’ कैम्पेन से धर्म नगरी की फिजा ही बदल दी गई है। यहां दीवारों व खाली स्थानों पर देवभूमि की परंपराओं और संस्कृति के बखरे पड़े रंग देखने लायक है।

कहीं देवी- देवताओं, धार्मिक परम्पराओं के तो कहीं लोक संस्कृति के चित्र सजीवता लिए हुए हैं।

कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि कुंभ मेला क्षेत्र को चित्रकला से सजाने में विभिन्न संस्थाओं का सहयोग रहा है।

सरकार की मंशा के अनुरूप मेक माय सिटी कैंपेन से धर्म नगरी में परंपराओं और संस्कृति के रंग भी देखने को मिलेंगे। कुंभ तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। इस बार का कुंभ दिव्य और भव्य होगा।

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