बंगाल की पूर्व आईपीएस अधिकारी और बीजेपी की राष्ट्रीय प्रवक्ता ने यूएन में W20 के मंच से शानदार भाषण दिया

न्यूयॉर्क–W-20 के प्रत्‍येक गैर सरकारी भागीदारों को मिलाकर बनाया गया एक आधिकारिक कार्य समूह है जिसे 2015 में तुर्की की अध्यक्षता के दौरान स्थापित किया गया था। इसका प्राथमिक उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि लैंगिक विचारों को जी-20 चर्चाओं में मुख्यधारा में शामिल किया जाए तथा लैंगिक समानता और महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देने वाली नीतियों और प्रतिबद्धताओं के रूप में जी-20 नेताओं के घोषणापत्र में बदला जाए। और इस समूह का दायित्व भारत की भारती घोष के कंधों पर थी से पहले यह जानना जरूरी है भारती घोष कौन है?

पूर्व आईपीएस भारती घोष आईपीएस की नौकरी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुई थी और एक समय था जब यह ममता बनर्जी की करीबी मानी जाती थी। और 29दिसंबर 2017 को आईपीएस पद से इस्तीफा दे दिया था।भारती घोष का जन्म कोलकाता में हुआ था। भारती घोष के पास हावर्ड से इंटरनेशनल मार्केटिंग से डिग्री है, इसके अलावा एमबीए और एलएलबी की डिग्री हुई है। उन्होंने लंदन स्कूल आफ इकोनॉमिक्स और पॉलीटिकल साइंस से पढ़ाई भी की और संयुक्त राष्ट्र संघ की पीसकीपिंग मिशन में भारत की ओर से भेजी गई थी। यह तो रहा भारती घोष का ताना-बाना। लेकिन जब भारत का W–20 प्रतिनिधि मंडल न्यूयॉर्क शहर पहुंचा तो उसका जिम्मा भारती घोष के कंधे पर था। इस दौरान भारतीय घोष ने शानदार भाषण दिए। और कहा विविध पृष्ठभूमि के प्रतिभागियों के अनुभवो ज्ञान और अच्छी प्रथाओं का आदान-प्रदान किया विशेष रूप से भारत की अध्यक्षता के तहत महिला उद्यमिता ग्रासरूट्स महिला नेतृत्व लैंगिक डिजिटल विभाजन को कम करने शिक्षा और कौशल विकास और जलवायु परिवर्तन पर जोर दिया। साथ ही भारत एक ऐसे देश के रूप में वैश्विक शीर्ष तालिका में अपना स्थान लेने के लिए तैयार है। जो तालिका में समाधान लाने को तैयार है।

हमारी विदेशी नीति का केंद्रीय सिद्धांत मानव केंद्रीय है। और जो वही रहेगा भले ही दुनिया एक महामारी से जूझ रही है। और बहू पक्षवाद वास्तव में है ।भारत अंतरराष्ट्रीय मंच पर आशा के रूप में उभरा है ।पिछले 2 वर्षों में जब दुनिया एक संकट से गुजर रही थी भारत एक समाधान प्रदाता के रूप में रहा है जैसे कि कोबिट और इस तरह के अन्य मामलों के दौरान भारत पहले से ही वैश्विक सिर्फ तालिका में अपनी जगह लेने के लिए हमेशा तैयार रहा है। साथ ही आकर्षण चर्चाओं से लेकर विचारोत्तेजक प्रश्नोत्तर तक यह कार्यक्रम एक गतिशील और संवाद आत्मक अनुभव था ।यह कार्यक्रम केवल एक चर्चा से अधिक था ।यह एक संवाद आत्मक का अनुभव था । जिसमें उपस्थिति लोगों को ऊर्जावान और सशक्त बनाया है।गौरतलब हो G20 समूह के भीतर विश्व के वे तमाम विकसित देश शामिल हैं ।जिनकी वर्ल्ड GDP में करीब 85 प्रतिशत की भागीदारी बताई जाती है।

ऐसे में प्रत्येक भारतीय को इस सुनहरे मौके की अहमियत को पहचानते हुए देश के तेजी से बढ़ते कद को लेकर गौरवान्वित महसूस करना चाहिए। भारत के लिए इस पायदान तक पहुंचने का सफर बिलकुल भी आसान नहीं रहा। इसके लिए हमारा देश एक कठोर दौर से गुजरा है, जिसमें कोविड जैसी वैश्विक महामारी भी सामने आई थी। याद हो कोविड काल में विश्व का ऐसा कोई देश नहीं था जिसके ऊपर उसका जरा भी असर न हुआ हो। दुनिया के लगभग सभी देश किसी न किसी रूप में कोविड के चलते प्रभावित हुए थे। भारत भी इनमें से एक रहा। उसके बावजूद भारत ने जिस तरह से रिकवरी की यह वाकयी काबिल-ए-तारीफ है ।और अब लगातार देश के उन्हीं प्रयासों के परिणाम हम सभी के सामने हैं। यहां यह कहना भी सही होगा कि आज भारत इस मुकाम पर पहुंचा है।

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