चौकीदार जी अब तो राफेल की कीमत बता दो ! दिग्विजय सिंह ने पीएम मोदी से दागा सवाल

करीब डेढ़ दशक बाद भारतीय वायु सेना में एक ताकतवर लड़ाकू विमान आ रहा है। यह लड़ाकू विमान है राफेल। राफेल का इंतजार काफी समय से हो रहा है और आज वह वक्त आ ही गया है जब राफेल भारत पहुंचेगा। आज राफेल लड़ाकू विमान अंबाला पहुंच जाएगा। अंबाला के एयरबेस पर ताकतवर लड़ाकू विमान राफेल को पहुंचाया जाएगा। ऐसे में की तैयारियां भी जोरों पर है। बता दें कि भारत और फ्रांस के बीच हुए सौदे के तहत राफेल लड़ाकू विमान की पहली खेप आज भारत पहुंच रही है। 5 लड़ाकू विमान भारत पहुंच रहे हैं इन्हें रिसीव करने के लिए वायु सेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया मौजूद रहेंगे। ऐसे में अब कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सरकार से सवाल कर पूछा है कि राफेल विमान की कीमत कितनी है।

दिग्विजय सिंह ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए हैं और सरकार पर हमला बोला है। दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर लिखा है कि आखिर राफेल प्लेन आ गया। 126 राफेल खरीदने का फैसला 2012 में UPA ने किया था, जिसमें से 18 राफेल छोड़कर अन्य सभी को HAL द्वारा भारत में बनाया जाना था। ये भारत के आत्मनिर्भर होने का प्रमाण था, एक राफेल की कीमत 746 करोड़ रुपये तय की गई थी।

उन्होंने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा है कि मोदी सरकार के आने के बाद फ़्रांस के साथ मोदीजी ने बिना रक्षा व वित्त मंत्रालय व कैबिनेट कमेटी की मंज़ूरी के नया समझौता कर लिया और HAL का हक मार कर निजी कंपनी को देने का समझौता कर लिया। राष्ट्रीय सुरक्षा को अनदेखी कर 126 राफ़ेल खरीदने के बजाय केवल 36 खरीदने का निर्णय ले लिया।

दिग्विजय सिंह ने यह भी लिखा है कि एक राफेल की क़ीमत कांग्रेस सरकार ने ₹746 करोड़ तय की थी, लेकिन “चौकीदार” महोदय कई बार संसद में और संसद के बाहर भी मांग करने के बावजूद आज तक एक राफ़ेल कितने में ख़रीदा है, बताने से बच रहे हैं। क्यों? क्योंकि चौकीदार जी की चोरी उजागर हो जाएगी!! “चौकीदार” जी अब तो उसकी क़ीमत बता दें!!

दिग्विजय सिंह ने लिखा कि राष्ट्रीय सुरक्षा का आंकलन करते हुए रक्षा मंत्रालय ने 126 राफ़ेल खरीदने की सिफारिश की थी, जो UPA ने स्वीकार कर सहमति दी। अब मोदी जी ने 126 के बजाय 36 राफेल खरीदने का फ़ैसला क्यों लिया? यह पूछने पर भी कोई जवाब नहीं। क्या मोदी जी ने राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता नहीं किया?

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