दिल्ली सरकार ने प्रदूषण का ठीकरा पराली और पड़ोसी राज्यों पर फोड़ा

दिवाली की रात लोगों के पटाखे जलाने के साथ ही दिल्ली सरकार ने राजधानी में हवा की गुणवत्ताअत्यधिक खराब होने की वजह पड़ोस के राज्यों में पराली जलना भी बताया। दिल्ली सरकार ने पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पराली जलाने की घटनाओं को भी प्रदूषण का जिम्मेदार बताया है। वहीँ पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी लगातार जलाई जा रही पराली की वजह से पंजाब की हवा दूषित हो रही है।

पिछले सप्ताह के सैटेलाइट डाटा के अनुसार, दिवाली से एक दिन पहले, यानी 26 अक्टूबर को भारत और पाकिस्तान में पराली जलाने की घटनाएं अपने अधिकतम स्तर पर पहुंच गई थी। इस दिन पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की 1276 घटनाएं सामने आईं। वहीँ 24 अक्टूबर को पराली जलाने की 536 घटनाएं सामने आई, जबकि 21 अक्टूबर को 412 जगहों पर पराली जलाई गई थी। दिवाली से एक सप्ताह पहले, 20 अक्टूबर को सबसे कम जगहों पर, सिर्फ 100 स्थानों पर पराली जलाने की घटना सामने आई थी। वहीँ आंकड़ों की माने तो 22 अक्टूबर तक उत्तर भारत में 5316 सक्रिय आग के केंद्र थे।

900 से पार थे दिल्ली का AQI

गौरतलब है कि दिवाली की रात दिल्ली के कुछ इलाको में हवा की गुणवत्ता 999 तक पहुंच गई थी। चूँकि भारत में 999 के पार हवा की गुणवत्ता को रिकॉर्ड करना फिलहाल मुमकिन नहीं है, तो उससे ज़्यादा AQI का अंदाज़ा नहीं लगाया जा सका। बता दें कि शुद्ध हवा की गुणवत्ता मात्र 60 तक है। लेकिन रविवार रात 11 बजे के आसपास आर के पुरम, पटपड़गंज, सत्यवती कॉलेज, जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) अधिकतम 999 के स्तर पर पहुंच गया था। जो हवा की शुद्ध गुणवत्ता से 16 गुणा ज्यादा था। आंकड़ों के अनुसार हवा की गुणवत्ता का 500 से ऊपर होने का मतलब जानलेवा होता है।

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