भोपाल : कांग्रेस MLA आरिफ मसूद पर जिला प्रशासन की बड़ी कार्रवाई, अवैध निर्माण तोड़ा

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के मध्य विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के खिलाफ जिला प्रशासन द्वारा बड़ी कार्रवाई की गई है। भोपाल की बड़ी झील के पास खानूगांव में उनके द्वारा किये अवैध निर्माण पर नगर-निगम और जिला प्रशासन की टीम ने गुरुवार को बुलडोजर चलाकर धराशायी कर दिया। इस दौरान मौके पर भारी पुलिसबल तैनात रहा। इससे पहले उनके खिलाफ धार्मिक भावनाएं भडक़ाने संबंधी प्राथमिकी भी दर्ज हो चुकी है।

दरअसल, विधायक आरिफ मसूद ने बीते गुरुवार को भोपाल के इकबाल मैदान में उन्मादी भीड़ एकत्रित कर फ्रांस के राष्ट्रपति का पुतला व झंडा जलाया था। इस दौरान उन्होंने अपने भाषण में कहा था कि फ्रांस के इस कृथ्य का केन्द्र और राज्य में बैठी हिन्दूवादी सरकार समर्थन कर रही है। हम फ्रांस के साथ हिंदुस्तान की सरकार को भी चेतावनी देते हैं कि यदि सरकार ने फ्रांस का विरोध नहीं किया तो हम हिंदुस्तान में भी ईंट से ईंट बजा देंगे। पहले तो पुलिस ने इस मामले में सिर्फ धारा 144 के उल्लंघन का मामला दर्ज किया था, लेकिन इस मामले में धर्म संस्कृति समिति के महमंत्री डॉक्टर दीपक रघुवंशी की शिकायत पर बुधवार को विधायक आरिफ मसूद व उनके समर्थकों पर आईपीसी की धाना 153 ए समेत विभिन्न धाराओं में तलैया थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है।

इसी बीच गुरुवार सुबह जिला प्रशासन और नगर निगम का अमला भारी पुलिस बल के साथ खानूगांव पहुंचा और यहां विधायक विधायक आरिफ मसूद द्वारा बड़े तालाब के कैचमेंट एरिया में अवैध अतिक्रमण कर बनाए गए निर्माण को जेसीबी की मदद से तोड़ दिया। डीआईजी इरशाद वली ने बताया कि अवैध अतिक्रमण हटाने का विरोध किया गया, इसीलिए यहां 200 से अधिक पुलिस अधिकारी व जवान तैनात किये गये हैं।

बताया जा रहा है कि पुलिस और नगर निगम का अमला सुबह करीब 6 बजे से ही पुलिस कंट्रोल रूम में जमा होना शुरू हो गया था। यहां बैठक होने के बाद सभी खानूगांव पहुंचे और कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद द्वारा यहां बड़ी झील के पास अवैध रूप से निर्मित लगभग 12 हजार वर्ग फीट क्षेत्र में फैले निर्माण को ढहाने की कार्रवाई शुरू की गई। सुबह ग्यारह बजे तक जेसीबी की मदद से अवैध निर्माण का काफी बड़ा हिस्सा गिरा दिया गया। बता दें कि यहां विधायक मसूद का एक कॉलेज भी है। इस पर भी निगम की कार्रवाई हो सकती है। फिलहाल, अधिकारी इस मामले में कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।

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