कानपुर : ठंड के कारण निमोनिया के मरीजों में हुआ इजाफा, कानपुर में 5 लोगों की हुई मौत

कानपुर : ठंड के कारण निमोनिया के मरीजों में हुआ इजाफा, कानपुर में 5 लोगों की हुई मौत

कानपुर : बारिश होने के बाद ठंड से हार्ट और ब्रेन अटैक हुई मौतों के बाद अब शहर में निमोनिया का खतरा बढ़ गया है। बीते चौबीस घंटे के बीच पांच लोगों की निमोनिया से जान चली गई। वायरल संक्रमण के कारण निमोनिया हो रहा है और मरीज शॉक में जा रहे हैं। तेजी से फैल रहे संक्रमण की वजह से ब्लड प्रेशर तेजी से गिर रहा है, जो मौत की वजह बन रही है। शहर के कार्डियोलॉजी में रोगियों की संख्या में वृद्धि हो रही है।

हैलट के चिकित्सक जे.एस कुशवाहा ने बताया कि सोमवार को उनकी मेडिसिन ओपीडी में तीन सौ रोगी आए थे। जिसमें वायरल संक्रमण से निमोनिया के रोगी अधिक थे। हैलट के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आर.के. मौर्य ने बताया कि ओपीडी में 2845 रोगी आए। जिसमें शाम तक 80 रोगियों को भर्ती किया गया था।

उपचार के दौरान पांच निमोनिया से पीड़ित रोगियों की चली गई जान

हैलट अस्पताल में निमोनिया से पीड़ित पांच रोगियों की उपचार के दौरान सोमवार देर रात जान चली गई। जिसमें चकेरी के बिंदेश्वरी (55), चौबेपुर के राघवेंद्र (59), कल्याणपुर के किशोर (35), जाजमऊ के राशिद (55) और आजादनगर के संदीप (49) हैं। उक्त सभी मरीज वायरल संक्रमण के बाद सेप्टीसीमिया हो गया था। सेप्टीसीमिया रोगियों को अलग-अलग अस्पतालों में लाया गया जहां उपचार के दौरान जान चली गई। गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कालेज से सम्बद्ध हैलट अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन चिकित्सक जे.एस.कुशवाहा ने बताया कि वायरस संक्रमण के बाद रोगियों को न्यूमोनाइटिस हो रही है। सोमवार देररात तीन मरीजों की जान हार्ट अटैक और दो की ब्रेन अटैक से चली गई। हैलट के आकस्मिक कक्ष में रात तक 40 रोगियों को भर्ती किया गया।

24 घंटे में आये 120 रोगी

बीते 24 घंटे में कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट के आकस्मिक कक्ष में हार्ट अटैक के 120 रोगी आए। इसके साथ ही 911 हृदय रोगियों ने ओपीडी में चेकअप कराया। गंभीर हालत में 61 हृदय रोगियों को भर्ती किया गया। अचानक ब्लड प्रेशर बढ़ने से रोगियों की हालत बिगड़ गई।

निमोनिया के लक्षण

फेफड़ों में संक्रमण का हो जाना निमोनिया कहलाता है। जिसकी वजह से फेफड़े में सूजन की स्थिति बन जाती है। निमोनिया मुख्य रूप से विषाणु और जीवाणु के संक्रमण से होता है। यह वायरस, बैक्टीरिया और पैरासाइट की वजह से भी हो सकता है। इसके अतिरिक्त दूसरे रोगों के संक्रमण से भी होने की संभावना रहती है। निमोनिया संक्रमण के प्रमुख लक्षणों में खांसी, सीने में दर्द, बुखार और सांस लेने में कठिनाई होती है।सामान्य तौर पर फ्लू जैसे लक्षण दिखते हैं जो बाद में बढ़ जाते हैं। पीड़ित में कमजोरी आ जाती है और थकान महसूस होती है। बलगम वाली खांसी,बुखार के साथ पसीना आता है, कंपकंपी महसूस होती है। सांस लेने में कठिनाई होने से रोगी तेज या जोर जोर से सांस लेने लगता है और बेचैनी होती है। भूख कम लगती है।बीपी का कम हो जाना, खांसी में खून आना।

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