WHO की टीम ने किया वुहान लैब का दौरा, दल के सदस्यों ने नहीं पहनी थी PPE किट

पूरे विश्व में कहर मचाए हुए कोरोना वायरस (Coronavirus) की जांच के लिए चीन पहुंची विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के एक दल ने चीनी शहर वुहान में उस विषाणु विज्ञान संस्थान का दौरा किया।आपको बता दें कि ये विषाणु विज्ञान संस्थान ही है जो कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर अटकलों का केंद्र बना हुआ है।वायरस की उत्पत्ति कहां से हुई और वह कहां से फैला, इस पर आंकड़े जुटाने और खोज के लिए चीन पहुंचे डब्ल्यूएचओ के दल का वुहान विषाणु विज्ञान संस्थान का दौरा उसके अभियान का मुख्य बिंदू है।

जापानी प्रसारक ‘टीबीएस’ द्वारा प्रसारित फुटेज के मुताबिक, प्राणीविज्ञानी और दल के सदस्य पीटर दासजक ने कहा, ‘‘हम यहां सभी प्रमुख लोगों से मुलाकात करने और उनसे वे महत्वपूर्ण सवाल पूछने की मंशा रखते हैं जिन्हें पूछे जाने की जरूरत है। उच्च सुरक्षा वाले केंद्र में दल के सदस्यों के साथ संवाददाता भी गए थे, लेकिन पहले की तरह इस बार भी दल के सदस्यों तक उनकी पहुंच सीमित रही और उन्हें चर्चाओं एवं इस दौरे के बारे में बेहद सीमित जानकारी उपलब्ध कराई गई।  केंद्र के आगे के प्रवेश द्वार पर वर्दीधारी और सादी वर्दी में सुरक्षाकर्मी तैनात थे लेकिन दल के सदस्यों ने पीपीई किट नहीं पहन रखी थी। टीम के सदस्य पत्रकारों से कोई बात किए बिना तीन घंटे बाद वहां से चले गए।

अस्पताल का किया दौरा

आपको बता दें कि इस दौरे से पहले  विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम ने चीन के अधिकारियों से व्यक्तिगत मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने कोरोना वायरस की उत्पत्ति के बारे में तथ्यों का पता लगाने के  इस अभियान में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) इस अस्पताल के साथ ही अन्य स्थानों का भी दौरा करेगा।

14 दिन तक टीम रही क्वारंटीन

इस टीम के बारे में जानकारी देते हुए हॉलैंड की विषाणु वैज्ञानिक मारियन कूपमान्स ने ट्वीट किया कि अपने सहयोगियों के साथ मुलाकात की। आपको बता दें कि चीन आने के बाद से 14 दिन के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम को पृथक-वास में रखा गया था। अब जब उनकी पृथक-वास की अवधि समाप्त हुई तो टीम ने चीन के अस्पताल का दौरा किया था।

दल में शामिल 10 देशों के विशेषज्ञ 

डब्ल्यूएचओ के दल में 10 देशों से विशेषज्ञ शामिल हैं। दल ने दो सप्ताह पृथक-वास में रहने के बाद अस्पतालों, अनुसंधान संस्थानों और मांस की बिक्री करने वाले पारंपरिक बाजार का दौरा किया। कोरोना वायरस के कई शुरुआती मामलों से इस बाजार का संबंध है।कई महीनों की वार्ता के बाद चीन ने जांच दल को दौरे की इजाजत दी थी। विषाणु की उत्पत्ति के बारे में पुष्टि को लेकर सालों का वक्त लग सकता है। इसमें व्यापक शोध, जानवरों के नमूने लेने, आनुवांशिक विश्लेषण और महामारी संबंधी अध्ययन जैसे कई जटिल चरण होते हैं। एक संभावना यह भी है कि हो सकता है, कोई वन्यजीव शिकारी इस महामारी का वाहक हो, जिससे वुहान में व्यापारियों में यह संक्रमण फैला।

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