भगवान राम की उपेक्षा करनेवालों को इस विधानसभा चुनाव में हम सबक सिखायेंगे: राजा राम शरण दास

बक्सर। भगवान राम के गुरु विश्वामित्र की उपेक्षा करने वाले जनप्रतिनिधियों को इस बार के विधानसभा चुनाव में सबक तो सिखाया ही जाएगा |उक्त बाते आरएसएस से जुड़े राम जानकी मठ के महंत राजाराम शरण दास ने शुक्रवार को कही |उन्होंने बक्सर के पूर्व भाजपा सांसद स्वर्गीय लालमुनी चौबे और वर्तमान सांसद आश्विनी चौबे पर आरोप लगाया कि ये दोनों ही बाहरी प्रत्याशी रहे है ,जिन्हें भाजपा ने अपने राजनितिक स्वार्थ के लिए बक्सर की राजनितिक भूमि पर थोपा था और है |कारण है कि एक संसदीय चुनाव को छोड़ कर वर्ष 1996 से अब तक बक्सर के इस संसदीय सीट पर भाजपा का ही दबदबा रहा |इन सभी ने भगवानराम और उनके गुरु विश्वामित्र के नाम पर भरपूर राजनीति की और लाभ भी उठया पर अफ़सोस इस बात को लेकर है कि इन जनप्रतिनिधियों ने कभी भी राम की इस शिक्षा भूमि और गुरु विश्वामित्र की कर्म भूमि का विकास नही किया |घोषणा करना और घोषणा को धरातल पर साकार करना दो दीगर बाते है |बक्सर को राम सर्किट रुट से जोड़ना रामायण सर्किट ट्रेनों में बैठाकर चंद यात्रियों का बक्सर भ्रमण करवाने मात्र से इस धार्मिक नगरी का विकास नही होने वाला जरूरत इक्छाशक्ति की है जो इनके पास नही थी और ना है |आज जरासंध की भूमि राजगीर और नालंदा के पर्यटकीय पैमाने पर विश्वस्तरीय विकास हुआ पर भगवान राम के प्रथम आयुद्ध ग्रहण शिक्षा स्थली और प्रथम युद्ध स्थली आज भी उपेक्षित है |
स्थानीय आरएसएस के धर्म प्रचारक व हिन्दू संस्कृति के बाहक राजाराम शरण दास समेत आदि अखडा ,लक्ष्मी सम्प्रदाय ,नाथ अखाड़ा ,नारायणी अखाड़ा के साधू संतो की आज शनिवार के दिन प्रातः कालीन प्रार्थना सभा के बाद हुई बैठक के दौरान संघ से जुड़े लोगो ने कहा कि भगवान राम के गुरु की उपेक्षा हो खुद भगवान राम को भी यह मंजूर नही होगा राम के नाम पर भले ही आप भव्य मदिर बनवाये |इन संतो ने स्पष्ट कहा की अयोध्या राम मंदिर हमारी अस्मिता है तो राम और उनके गुरु से जुडी बक्सर की पवित्र भूमि हमारी आस्था है |अगर हमारी आस्थासे भाजपा व् भाजपा के जनप्रतिनिधि खिलवाड़ करेंगे तो इस विधान सभा में हम आरपार के लड़ाई के लिए तैयार है |
वर्ष 1996 से अबतक एक लम्बी अवधि गुजरने के बावजूद बक्सर की भूमिपर आज तक राम के गुरु विश्वामित्र मुनि के प्रतिमा को स्थापित नही किया गया भगवान राम के प्रथम युद्ध विजयी स्थली तपो भूमि चरित्रवन का विकास नही हुआ |गौतम ऋषि की श्राप ग्रस्त पत्नी अहिल्या के उद्धार स्थली तक जाने के लिए आज एक अदद सडक तक का निर्माण भाजपा के जनप्रतिनिधि नही करा सके |
कभी चौरासी हजार ऋषि मुनि यहा तप किया करते थे बक्सर का जर्रा -जर्रा आध्यात्मिक है |ऐसे में इस भूमि की उपेक्षा को कतई बर्दास्त नही किया जा सकता |
आरएसएस एवं अखाड़ा से जुड़े धर्म गुरुओ ने कहा कि हम संतो की कोई राजनितिक धरा नही होती धर्म के प्रति समर्पण और आस्था हमारा कर्म है पर यहा के जनप्रतिनिधि हमारी आस्था से खिलवाड़ करेंगे तो हमारी बक्सर वासियों से अपील होगी की ऐसे जनप्रतिनिधियों को बक्सर में कोई स्थान ना दे |
पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय के स्थानीय राजनीति में प्रवेश को लेकर इन संतो ने कहा कि अबतक सम्पूर्ण राज्य के जिम्मेवारी का वे निर्वहन कर रहे थे |जबकि बक्सर से वे विधानसभा का चुनाव लड़ते है और जीतते है तो विकास के लिए महज एक विधानसभा की भूमि होगी |अगर वे शपथ लेकर बक्सर वासियों से वादा करते है कि भगवान राम और गुरु विश्वामित्र की इस तपो भूमि का उद्दार करेंगे तो हमारा बरपुर सहयोग उन्हें मिलेगा |

बैठक के दौरान एक प्रताव पारित कर बक्सर का नाम कारन ब्याघ्रसर करने का भी शर्त चुनाव में खड़े होने वाले जन प्रतिनिधियों के समक्ष रखने की बात कही गई है |

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