उत्तराखंड : प्रधानमंत्री ने शुरू की नयी योजना “मेरी संपत्ति मेरा हक”, ग्रामीणों को मिलेगा अधिकार अभिलेख

देहरादून : केंद्र सरकार की ओर से लांच की गई स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीणों को उनकी संपत्ति का अब अधिकार अभिलेख मिल सकेगा। जिसके बाद वह अपनी संपत्ति के आधार पर लोन भी ले सकेंगे। अभी तक अधिकतर ग्रामीणों के पास आवासीय संपत्ति का अधिकार अभिलेख नहीं है। जिसके चलते वह अपनी संपत्ति की एवज में कोई वित्तीय लाभ नहीं उठा सकते हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से और से रविवार को “मेरी संपत्ति मेरा हक” योजना को लांच किया गया है। पायलट फेज़ के तहत उत्तराखंड के 3 जिलों को इस योजना में शामिल किया गया है। पौड़ी गढ़वाल, उधमसिंह नगर और हरिद्वार में यह योजना लागू की गई है। पौड़ी गढ़वाल के 3361, उधमसिंह नगर के 566 और हरिद्वार के 602 ग्रामीण क्षेत्रों को प्रथम फेज के लिए चयनित किया गया है। प्रदेश के बाकी जिलों में अगले वित्तीय वर्ष में यह योजना लागू की जाएगी।

पायलट फेज में तीनों जिलों के 489 गांवों में ड्रोन सर्वे किया जा चुका है। इनमें पौड़ी गढ़वाल के 140 और उधमसिंह नगर के 349 गांव शामिल हैं। हरिद्वार जिले में अभी यह प्रक्रिया प्रारंभ की गई है। इसके साथ ही 903 गांव में चूना मार्किंग की कार्यवाही पूरी की जा चुकी है। इनमें पौड़ी के 456, उधमसिंह नगर के 444 और हरिद्वार जिले के 3 गांव शामिल हैं।

इस योजना में आबादी क्षेत्रों का पूरी तरह से सर्वे किया जाएगा। व्यक्तिगत ग्रामीण संपत्ति के सीमांकन के अलावा ग्राम पंचायत एवं सामुदायिक संपत्ति का सर्वे भी होगा।गांव की सड़कें,तालाब, नहरें, खुले स्थान, स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र, स्वास्थ्य केंद्र आदि को भी सर्वेक्षण में शामिल किया जाएगा। इनके मानचित्र बनाए जाएंगे।मानचित्र एवं डेटाबेस से ग्राम पंचायतों तथा राज्य सरकार के अन्य विभागों की ओर से किए जाने वाले विभिन्न कार्यों के लिए सटीक कार्य अनुमान तैयार करने में मदद मिलेगी।

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