UPSC छात्रों को अतिरिक्त मौका नहीं, महामारी के कारण की गई थी दूसरे अवसर की अपील

नई दिल्ली : केंद्र ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह पिछले साल महामारी के कारण यूपीएससी (UPSC) द्वारा आयोजित परीक्षा में शामिल नहीं होने से अपना आखिरी मौका गंवा देने वाले अभ्यर्थियों को एक और अवसर देने के पक्ष में नहीं है।

न्यायमूर्ती एएम खानविलकर के नेतृत्व वाली पीठ ने कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) की तरफ से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू के निवेदन का संज्ञान लिया।

केंद्र को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने पीठ से कहा कि हम एक और अवसर देने को तैयार नहीं है। मुझे हलफनामा दाखिल करने का समय दीजिए। गुरुरवार रात मुझे निर्देश मिला है कि हम इस पर तैयार नहीं हैं। पीठ में न्यायमूर्ती बीआर गवई और न्यायमूर्ती कृष्ण मुरारी भी थे। पीठ ने सिविल सेवा की अभ्यर्थी रचना सिंह की याचिका को 25 जनवरी के लिए सूचीबद्ध किया है और केंद्र से एक हलफनामा दाखिल करने को कहा है।

इससे पहले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया था कि सिविल सर्विसेज के ऐसे अभ्यर्थियों को सरकार एक और मौका देने पर विचार कर रही है। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 30 सितम्बर को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की प्रारंभिक परीक्षा को स्थगित करने से इनकार कर दिया था।

देश में कोविड-19 महामारी और कई हिस्सों में बाढ़ के कारण परीक्षा को टालने का अनुरोध किया गया था। यह परीक्षा 4 अक्तूबर को हुई थी। हालांकि, न्यायालय ने केंद्र सरकार और संघ लोक सेवा आयोग से उम्र सीमा के कारण अपना आखिरी मौका गंवा देने वाले अभ्यर्थियों को एक और अवसर देने पर विचार करने को कहा था। तब पीठ की जानकारी दी गई थी कि इस संबंध में औपचारिक फैसला केवल डीओपीटी ही ले सकता है।

इस समय भारत में कोरोना की स्थिति

भारत (India) में कोरोना से अब तक 1,06,40,544 लोग संक्रमित हो चुके हैं। वहीं इस वायरस की चपेट में आने से अब तक 1,53,221 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। हालांकि, राहत की बात ये है कि 1,03,00,063 इस वायरस को मात देकर ठीक हो चुके हैं। देश में कोरोना को मात देकर ठीक होने वालों की संख्या सक्रिय मामलों की संख्या से अधिक है। सक्रिय मामलों (Active Cases) की कुल संख्या 1,82,831 है।

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