झारखंड की इन सीटों पर किस्मत आजमाएंगे ये दिग्गज, देखिए ।

झारखंड में हुए चुनावो के परिणाम के दिन सुबह से ही हलचल मचनी शुरू हो गई है । मोदी सरकार के कार्यकाल में तीसरी बार हो रहे झारखंड चुनाव में मुख्यमंत्री रघुबर दास के अलावा भी कई बड़ी सीटों पर सबकी नजर टिकी हैं । इनमे महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हेमंत सोरेन की सीट भी शामिल है ।

मुख्यमंत्री रघुवर दास जमशेदपुर पूर्व से चुनावी मैदान में उतरे हैं । इस सीट पर उन्हें सरयू राय और गौरव वल्लभ टक्कर दे रहे हैं । सरयू राय रघुवर दास के मंत्रिमंडल में रह चुके हैं, और गौरव वल्लभ कांग्रेस के  राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं । वहीं, हेमंत सोरेन इस बार दो सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं । सोरेन अपनी पुरानी सीट दुमका के साथ साथ बरहेट सीट पर किस्मत आजमा रहे हैं ।

झारखंड में बीजेपी सरकार के साथ रही एजेएसयू के अध्यक्ष सुदेश महतो सिल्ली विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरे हैं । 2014 से पहले महतो सिल्ली सीट से जीतते रहे हैं । इस सीट पर उनके सामने चुनौती के तौर पर जेएमएम की सीमा महतो खड़ी हैं । वहीं चक्रधर सीट से बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा किस्मत आजमा रहे हैं । उनके पक्ष में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी जनसभा को संबोधित कर वोट मांगे थे । उनके सामने इस सीट पर झमिमो के सुखराम उंराव और झाविमो कर शशिभूषण सामद खड़े हैं ।

इसके अलावा झारखंड के पहले मुख्यमंत्री और झारखंड विकास मोर्चा सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी धनवार सीट से मैदान में उतरे हैं ।  इस सीट पर बीजेपी के लक्ष्मण प्रसाद सिंह और माले के राजकुमार यादव उन्हें चुनौती दे रहे है । लक्ष्मण प्रसाद सिंह रिश्ते में बाबूलाल मरांडी के साले लगते हैं । बता दें कि झारखंड के पहले मुख्यमंत्री रहे बाबूलाल मरांडी 2009 के बाद से कोई चुनाव नही जीते हैं ।

प्रदेश की राजधानी रांची विधानसभा सीट से बीजेपी ने रघुबर दास मंत्रिमंडल में शामिल रहे सीपी सिंह को मैदान में उतारा है । इस सीट पर सीपी सिंह लगातार जीतते रहे हैं । हालांकि इस बार उन्हें कड़ी चुनौती देने के लिए सामने  झमिमो की महुआ मांझी और आजसू के  वर्षा गाड़ी और पवन शर्मा हैं ।

रांची के ही तमाड़ क्षेत्र भी इस बार झारखंड की खास सीटों में शामिल है । इस सीट पर निवर्तमान विधायक और पूर्व मंत्री रमेश मुंडा के पुत्र विकास मुंडा के सामने नक्सली कुंदन पाहन और गोपाल कृष्ण उर्फ राजा पीटर चुनावी मैदान में उतरे हैं । बता दें कि साल 2008 में नक्सलियों ने ही रमेश मुंडा की हत्या कर दी थी । इसी सीट पर ही 2009 में तत्कालीन मुख्यमंत्री और जेएमएम सुप्रीमो शिबू सोरेन हार गए थे ।

वहीं, झरिया सीट इस बार पूर्व विधायक सूर्यदेव सिंह के परिवार के लिए किस्मत तय करेगी । इस सीट पर सिंह की दो बहुएं आमने- सामने हैं । इस सीट पर पूर्व विधायक संजीव सिंह की पत्नी और बीजेपी उम्मीदवार रागिनी सिंह के सामने राजनारायण सिंह की बहु और स्वर्गीय नीरज सिंह की पत्नी पूर्णिमा सिंह कांग्रेस की तरफ से लड़ रही हैं । बता दें कि इससे पिछले विधानसभा चुनावों में संजीव और नीरज आमने- सामने थे ।

गौरतलब है कि नक्सल प्रभावित पलामू जिले की डालटनगंज विधानसभा सीट पर पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी कांग्रेस की तरफ से किस्मत आजमा रहे हैं । वहीं, आलोक चौरसिया बीजेपी की तरफ से मैदान में उतरे हैं । बता दें कि झारखंड के इतिहास में कोई भी मुख्यमंत्री दोबारा जीतने में समर्थ नही हो पाया है । ऐसे में सभी की नज़र रघुवर सरकार पर टिकी हैं ।

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