गोरखपुर: रेगुलेटर बन्द होने के कारण दर्जनों गाँव के सैकड़ो किसानों की हजारों एकड़ कृषि योग्य जमीन प्रभावित

गोरखपुर मुख्यालय से लगभग 40 किमी दूरी पर स्थित बोहबार पुल के पास ब्रह्मपुर ब्लॉक के दोआब क्षेत्र के हजारों किसानों की हजारों एकड़ जमीन पिछले 10 वर्षों से पानी मे डूब जाती हैं। खरीफ के सीजन में कई हजारों एकड़ जमीन प्रभावित होती है। जिससे धान ,मक्का व गेहूँ सहित अन्य फसलों की बुआई नही हो रही है।बहुत से किसानों की आर्थिक व्यवस्था भी चरमरा गई है। गौरतलब है कि दोआब क्षेत्र के किसानों का मुख्य आधार पारंपिरक खेती करना है। स्थानीय किसानों का कहना है, लगभग 10 वर्ष पहले यहाँ सभी फसलों की बुआई की जाती थी। हम किसान खुश थे। लेकिन जब से पास में बहने वाली गोर्रा नदी पर बोहबार पुल का निर्माण हुआ | ठीक उसी समय पुल के अप्रोच मार्ग के कारण गोहटा ताल के पानी को गोर्रा नदी में जाने से रोक दिया गया। जिससे गोहटा ताल का पानी गोर्रा नदी में नही जा पा रहा हैं और सैकड़ो एकड़ खेती वाली जमीन पानी मे डूबी हुई है।

बैरवा गाव के रहने वाले 70 वर्षीय श्यामलाल ने बताया कि इस गोहटा ताल में मेरी बारह बिगहा खेती योग्य जमीन पानी मे डूबी हुई है। पहले इस जमीन से उत्पन्न पूरे वर्ष में लाखों रुपये का अनाज मैं बेचता था।लेकिन जब से पानी से खेती डूबी तब से परिवार की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है।श्यामलाल को सरकार से भी उम्मीद है।

दोआब क्षेत्र के 40 वर्षीय झीनु का कहना है कि पहले गोहटा ताल में दोनों फासले होती थी।जबसे पानी का निवासी बन्द हो गई तब से हमारी 10 बिगहा में खेती नही हो पा रही है।हमारी जिम्मदारो से मांग है कि हमारी समस्या का जल्द ही निपटारा किया जाय।

करौता गाँव के 75 वर्षीय किसान राजकुमार का कहना है कि पहले गोर्रा नदी पर गोहटा नदी के पानी के निकासी के लिए रेगुलेटर लगा था।लेकिन पुल का अप्रोच के कारण रेगुलेटर बन्द हो गया है।मुझे उम्मीद है जिम्मदार जल्द ही हमारी समस्या को समझेंगे और गोहटा ताल में हमारी दुबारा फसल उगेगी।

4 सपा नेता मुन्नीलाल यादव ने किसानों की समस्या को जल्द सुलझाने के लिए पिछले दिनों जिलाधिकारी के विजेंद्र पांडियन को ज्ञापन देकर जल्द सुलझाने की मांग किए है।मुन्नीलाल यादव ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों पर निशाना साधते हुए कहा कि वर्तमान सरकार के स्थानीय सांसद व विधायक केवल राजनीति लाभ के चक्कर मे है उनको स्थानीय किसानों की समस्या से कोई मतलब नही है।

इस सम्बंध में बोलते हुए स्थानीय मिश्रौली गाँव के ग्राम प्रधान ने कहा कि हमारी गाव के सिवान में स्थित गोहटा ताल की समस्या विकट है।इसके लिए हम लोग पिछले 10 वर्षों से जिम्मेदार अधिकारियों से गुहार लगा रहे है ।लेकिन बात नही बन पा रही है।ग्राम प्रधान ने आगे बताया कि गोहटा ताल में पानी के निकासी के लिए चकबंदी विभाग से सीमांकन भी किया गया है लेकिन नाला नही बनने के व नदी पर रेगुलेटर के पट जाने के कारण पानी का निकासी नही हो पा रहा है।

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