संस्थागत प्रसव पर पडा lockdown का व्यापक असर, स्वास्थ्य महकमा हैरान

बलरामपुर-बलरामपुर में कोविड-19 को लेकर चल रहे लाकडाउन का व्यापक असर संस्थागत प्रसव पर पडा है। स्वास्थ्य महकमा भी इसको लेकर हैरान है। जिले भर के सभी सरकारी अस्पतालो में संस्थागत प्रसव में भारी गिरावट आयी है। जिले का सबसे बडा संयुक्त जिला अस्पाल जहाँ प्रतिदिन औसतन पाँच आपरेशन और 10 नार्मल डिलीवरी होती थी वहाँ इस समय सन्नाटा पसरा है। पिछले तीन दिनो से इस असपताल में कोई भी आपरेशन या सामान्य प्रसव नही हुआ है। कमोबेश यही हाल जिले क सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रो और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रो का है जहाँ संस्थागत प्रसव में अचानक काफी गिरावट आयी है। जिले का महिला जिला अस्पताल भी इससे अछूता नही है। रेफरल सेन्टर होने के बावजूद यहाँ भी संस्थागत प्रसव में गिरावट देखने को मिली है। संस्थागत प्रसव में आयी गिरवट स्वास्थ्य विभाग के लिये चिन्ता का विषय बन गयी है। तमाम निजी अस्पताल जहाँ संस्थागत प्रसव होते थे वे भी लाकडाउन के कारण बन्द चल रहे है ऐसे में प्रसव कहाँ हो रहे है यह जच्चा-बच्चा दोनो के लिये काफी घातक साबित हो सकता है। जिला महिला अस्पताल क सीएमएस और गाइनो सर्जन डा. पीके मिश्रा का कहना है कि जिला महिला अस्पताल रेफरल सेन्टर होने के बावजूद यहाँ संस्थागत प्रसव में गिरावट देखने को मिल रही है।

वही सीएमओ डा. घनश्याम सिंह संस्थागत प्रसव के गिरते ग्राफ को लेकर काफी चिन्तित है। सीएमओ का कहना है कि ऐसी परिस्थित में घरो में प्रसव कराने की सम्भावना बढ गयी है। उन्होने यह भी आशंका व्यक्त की है कि हो सकता है कि अस्पताल के कर्मचारी भी संस्थागत प्रसव कराने को लेकर टाल-मटोल कर रहे हो। गाँवो में तैनात आशा की ड्यूटी का पूरा फोकस इस समय कोरोना वायरस पर टिका है। गाँवो में सर्वे और क्वारंटाइन सेन्टर की निगरानी को लेकर आशा कार्यकत्रिया व्यस्त है। लाकडाउन में घरो से अस्पतालो तक पहुँचने में भी लोगो को परेशानी का सामना करना पड रहा है जो संस्थागत प्रसव का ग्राफ गिरने में एक बडा कारण हो सकता है। सीएमओ ने सभी अस्पतालो और स्वास्थकर्मियों को चेतावनी दी है कि संस्थागत प्रसव को लेकर कोई टालमटोल बर्दाश्त नही होगा।

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