स्मृति ईरानी को कम वक़्त में आसमानी तरक्की कैसे मिली , inside story

एक औरत जो कभी आदर्श बहू के रूप में नजर आती है तो कभी एक मंत्री के रूप में , इस आदर्श बहू के किरदार ने ना जाने कितने लोगो का दिल जीता था और जब वो राजनीत

एक औरत जो कभी आदर्श बहू के रूप में नजर आती है तो कभी एक मंत्री के रूप में , इस आदर्श बहू के किरदार ने ना जाने कितने लोगो का दिल जीता था और जब वो राजनीत में आई तो भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला , इनपे ना जाने लोगो ने कितने सवाल खड़े किए है तो वहीं इन्होंने भी लोगों को अपने जवाबों से चीत किया है , विवादों से हर समय घिरी रहती है , लेकिन इनके चेहरे का नूर कभी कम नहीं होता है, हम बात कर रहे है टेलीविज़न इंडस्ट्री में अपनी छाप छोड़ के आने वाली और फिर राजनीत की दुनिया में अपनी एक अलग ही पहचान बनाने वाली स्मृति ईरानी की, स्मृति ईरानी दिल्ली की पैदाइश है, उन्होंने अपनी 12 तक की स्कूलिंग भी दिल्ली से ही की है, कम उम्र में पैसे कमाने कि कवाशिश को लेके स्मृति घर से निकली थी पहले मैक डी में काम किया फिर मॉडलिंग की दुनिया में गई और फिर 1998 में स्मृति ईरानी ने मिस इंडिया प्रतियोगिता में हिस्सा लिया , वो फाइनल तक तो नहीं पहुंच पाईं लेकिन उनके किस्मत के दरवाज़े खुल गए और वो पहुची मुंबई , मुंबई पहुचनें के बाद उनके पैर कभी थामे नहीं है, धारावाहिकों में काम कर के स्मृति ने अपनी चववी दिन पर दिन बनाई सास भी कभी बहू थी कि बहू फिर कुछ सालो मे वो राजनीत मे आई , लेकिन राजनीत की दुनिया में उनका सफर इतनी आसान नहीं रही , मोदी की खास रह कर नहीं इन्हे बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा , साल 2003 में स्मृति ईरानी ने ग्लैमर की दुनिया छोडकर राजनीत के गलियारों में जाने का फ़ैसला किया और महाराष्ट्र में भाजपा में शामिल हुई और फिर साल 2004 में दिल्ली की चांदनी चौक से स्मृति को उतारा गया लेकिन उनके हाथ हार ही आई , और फिर आया साल 2014 जब स्मृति ईरानी को आम चुनावों में अमेठी से चुनाव लड़ाया गया वो भी कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ , स्मृति ईरानी का कहना है कि उनके विचार व संस्कार भाजपा से बहुत मिलते है और अटल बिहारी वाजपेई जी वो अपने गुरु मानती है , 2014 के चुनाव देश के एहम चुनावो मे से एक है और स्मृति ईरानी ने इन चुनावों में अपनी जान तक लगा दी थी, वो हार भले गई लेकिन उनकी मेहेनत व लगन किसी से छूप नहीं पाई और जब साल 2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदी को सरकार बनी तो स्मृति को मंत्री मंडल में शामिल किया गया और नरेंद्र मोदी की वो मुंह बोली छोटी बहन बन गई , लेकीन तबसे स्मृति ईरानी की राह आसान नहीं रही, कई सवाल उठे , कई विवादों मे भी आईं लेकिन फिर भी स्मृति ने हार नहीं मानी, परिवार को आर्थिक सपोट करने के लिए स्मृति ने अपनी शिक्षा बीच में ही छोड़ दी थी और डिग्री को ले कर स्मृति पर सबसे ज़्यादा विवादों में रही कभी एजुकेशन मिनिस्ट्री में रही स्मृति ईरानी को विवादों में रहने को वजह से शिक्षा मंत्रालय से हटा दिया गया था , ये बाते लोगो ने कहा कि शिक्षा मंत्री केवल बरवी तक पढ़ी है और इतने कम डिग्री वाले को शिक्षा मंत्री का पद क्यों और कैसे , आगे जा के उनके ग्रेजुएशन पर सवाल उठने लगे , लेकिन फिर भी हर कठनाई का उन्होंने हिम्मत से मुकाबला किया और वर्तमान में स्मृति देश की महिला व बाल विकास मंत्री है, तो कुछ ऐसी ही स्मृति ईरानी की कहानी!

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