आज़म खान के जेल में जाने से मुश्किल में सपा! अब क्या करेंगें अखिलेश यादव

  • मुश्किल में पड़ सकती है समाजवादी पार्टी
  • सपा का सबसे मज़बूत पिलर सलाखों के पीछे
  • दिग्गज मुस्लिम चेहरा है आज़म खान
  • रामपुर में चलता है आज़म खान का सिक्का

 

उत्तर प्रदेश की जितनी बड़ी और पुरानी राजनैतिक पार्टी है समाजवादी पार्टी उतने ही पुराने और बड़े चेहरे है आज़म खान। समाजवादी पार्टी का एक बड़ा और दिग्गज मुस्लिम चेहरा है आज़म खान। रामपुर में समाजवादी पार्टी को खड़ा करने में, समाजवादी पार्टी की नीव को मज़बूत करने में एक बड़ी और अहम रोल है आज़म खान का। ऐसे में अब जब खुद सपा की सबसे मज़बूत कड़ी खुद मुसीबत में है तो सत्ता से बाहर हुई समाजवादी पार्टी का कितना बड़ा सहारा बनेंगें। आज़म खान ना सिर्फ रामपुर में बल्कि पूरे सूबे में मुस्लिमों को प्रतिनिधित्व करने वाले एक बड़े और सशक्त चेहरे है और यही कारण है अखिलेश यादव भी उन्हे खास अहमियत देते रहे है।

ऐॆसे में आज़म खान का सहपरिवार सलाखों के पीछे जाना उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के लिए मुश्किले खड़ा कर सकती है दरअसल जिस तरह से 2014 के लोकसभा चुनाव में सपा को हार का मुंह देखना पड़ा था, 2017 में यूपी विधानसभा चुनाव में सपा ने करारी हार का स्वाद चखा, फिर 2019 के लोकसभा चुनाव में भी सपा ने फिर हार का मुंह देखा। ऐसे में फिलहाल सपा के लिए एक-एक सीट अहमियत रखती है और रामपुर से सांसद आज़म खान का जेल जाना रामपुर सीट पर सपा के लिए तकलीफदेह हो सकता है।

रामपुर में मुस्लिम समीकरण साधने में आज़म खान एक अहम किरदार निभाते रहे है। लेकिन अब इस समीकरण साधने के लिए जो सपा का सबसे बडा और खास चेहरा थे, आज़म खान जो इस वक्त सलाखों के पीछे है, लेकिन अगर सपा और आज़म खान के रिश्तों की बात करे तो आज़म खान सपा के संस्थापक सदस्य है। आज़म खान पहली बार 1980 में रामपुर से सपा के टिकट पर विधायक बनें और लंबे अर्से तक इस सीट पर विधायक बने रहे। आज़म खान सपा से राज्यसभा सांसद भी रहे 1992 में जब मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी बनाई तो आज़म खान भी उनके साथ हो लिए और मुलायम सिंह यादव भी आज़म खान को अपनी पार्टी खास जगह देते रहे । सपा सरकार में आजम खान केबिनेट मंत्री बने । संसदीय कार्य मंत्री रहे।

समाजवादी पार्टी में आज़म खान का रुतबा कैसा था इसका अंदाज़ा आप इसी बात से लगा सकते है कि जैसा विकास मुलायम सिंह यादव ने अपने गढ़ सैफई में करवाया वैसा ही विकास आज़म खान ने अपने गढ़ रामपुर में लगवाया। मुलायम सिंह यादव ने अगर सैफई में सड़को पर लैंप लगवाए तो आज़म खान ने भी रामपुर की सड़को पर लैंप से ही सजावट की लेकिन आज़म खान और समाजवादी पार्टी के रिश्तों में एक दौर वो भी आया जब मुलायम सिंह यादव ने आजम खान को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। कहा जाता है कि कि जिस दौर में मुलायम सिंह यादव की नज़दीकियां कल्याण सिंह और अमर सिंह से बढ़ने लगी थी।

आज़म खान को सपा में कल्याण सिंह और अमर सिंह के बढ़ते हुए कद से परेशानी शुरु हो गई। अमर सिंह के बढते हुए रुतबे से आज़म खान को इतनी बैचेनी हो गई कि आज़म खान ने 2009 में सपा को छोड़ दिया और लोगो से कहा कि उन्हे सपा से बाहर निकाल दिया गया है। लेकिन बाद में मुलायम सिंह के कहने पर आज़म खान की फिर से सपा में घर वापसी हुई और जब आज़म खान ने सपा में वापसी की तो उन्होने मुलायम सिंह यादव को बग्घी में बिठाकर पूरा रामपुर घुमाया था। ऐसे में आज़म खान और सपा के रिश्तों में लगातार उतार चढ़ाव का दौर बना रहा और अब जब आज़म खान सलाखों के पीछे है। आज़म खान की नैया अब जब मझधार में फंस गई है तो अब सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव आजम खान की डूबती नैया को कैसे पार लगाते हैं ये देखने वाली बात होगी।

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