आज का इतिहास:सोवियत संघ ने वोस्कोद-1 को लॉन्च किया था,

इसमें पहली बार बिना स्पेस सूट पहने अंतरिक्ष में गए थे एस्ट्रोनॉट्स

अंतरिक्ष के क्षेत्र में अमेरिका और सोवियत संघ के बीच रेस में आज ही के दिन सोवियत संघ ने नया रिकॉर्ड बनाया था। 12 अक्टूबर 1964 को सोवियत संघ ने वोस्कोद-1 को लॉन्च किया था। इस स्पेसक्राफ्ट में पहली बार बिना स्पेस सूट पहने अंतरिक्ष यात्री स्पेस में गए थे।

दरअसल, सोवियत संघ वोस्तोक स्पेसक्राफ्ट के जरिए यूरी गागरिन को अंतरिक्ष में भेजकर अंतरिक्ष रेस की शुरुआत की। इसी रेस में आज ही के दिन सोवियत संघ ने वोस्कोद-1 लॉन्च किया था। इसके पायलट थे व्लादिमिर कोमारोव। उनके साथ वैज्ञानिक कॉन्स्टेंटिन फोकटिस्टोव और फिजिशियन बोरिस येगोरोव भी अतंरिक्ष में गए थे। इस स्पेसक्राफ्ट की सफल यात्रा ने अतंरिक्ष में कई रिकॉर्ड अपने नाम किए थे। ये दुनिया का पहला स्पेसक्राफ्ट था, जिसमें अंतरिक्ष यात्री बिना किसी स्पेस सूट के अंतरिक्ष में गए थे। ये दुनिया का पहला मल्टी मैन्ड स्पेसक्राफ्ट भी था, जिसमें एक वैज्ञानिक और फिजीशियन अंतरिक्ष के सफर पर निकले थे।

हालांकि सोवियत संघ पर आरोप लगे थे कि उसने अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक उपलब्धि को अपने नाम करने के लिए एस्ट्रोनॉट्स की सुरक्षा से खिलवाड़ किया था। दरअसल सोवियत संघ चाहता था कि अमेरिका के जेमिनी-2 स्पेस मिशन से पहले ही वोस्कोद-1 को लॉन्च कर दिया जाए।

2008: सिस्टर अल्फोंसा को मिला संत का दर्जा

पोप ने आज ही के दिन 2008 में सिस्टर अल्फोंसा को संत घोषित किया, जो भारत की पहली महिला संत बनी थीं। देश में गिरजाघरों के 2,000 साल के इतिहास में यह उपाधि पाने वाली वे पहली महिला हैं। उन्हें संत घोषित करने की प्रक्रिया 55 साल पहले प्रारंभ हुई थी। इससे पहले पोप जॉन पाल द्वितीय ने उन्हें ‘धन्य’ घोषित किया था। कैथोलिक परंपरा में इसे ‘बीएटिफिकेशन’ कहा जाता है।

सिस्टर अल्फोंसा का जन्म केरल में कोट्टायम के निकट एक गांव कुडामालूर में हुआ था। मात्र 36 वर्ष की उम्र में उनकी मौत हो गई थी। सिस्टर अल्फोंसा ​​​​वेटिकन द्वारा संत घोषित की जाने वाली दूसरी भारतीय थी। इससे पहले संत गोंसालो गार्सिया को यह उपाधि दी गई थी। संत गार्सिया एक भारतीय मां और पुर्तगाली पिता की संतान थे। उनका जन्म सन 1556 में मुंबई के निकट वाशी में हुआ था।

केरल में स्थित सिस्टर अल्फोंसा की टॉम्ब।

2011: भारत-वियतनाम में करार

भारत और वियतनाम ने 2011 में 12 अक्टूबर को ही वियतनाम के समुद्री इलाके में तेल की खोज करने के लिए करार किया था। इससे वियतनाम और चीन के रिश्तों में खटास आ गई थी, क्योंकि दक्षिण चीन सागर के इस इलाके पर चीन अपना दावा करता है। इस इलाके में प्रभुत्व को लेकर चीन के साथ कई देशों का विवाद है।

वियतनाम के पूर्व राष्ट्रपति ट्रूओंग टैन सांगो के साथ पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह।

12 अक्टूबर के दिन को इतिहास में इन महत्वपूर्ण घटनाओं की वजह से भी याद किया जाता है…

2007ः अमेरिका के पूर्व उपराष्ट्रपति अल गोर व संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय पैनल आईपीसीसी को संयुक्त रूप से नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान किया गया।

2004ः पाकिस्तान ने गौरी-1 मिसाइल का परीक्षण किया।

2001ः संयुक्त राष्ट्र और उसके महासचिव कोफी अन्नान को संयुक्त रूप से नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की गई।

2000ः स्पेसक्राफ्ट डिस्कवरी को फ्लोरिडा से स्पेस में भेजा गया।

1999ः पाकिस्तान में सेना के तख्तापलट के बाद जनरल परवेज मुशर्रफ सत्ता पर काबिज हुए।

1967: भारतीय स्वतंत्रता सेनानी डॉ. राममनोहर लोहिया का निधन।

1938ः प्रसिद्ध उर्दू शायर और गीतकार निदा फाजली का जन्म।

1919ः भाजपा की संस्थापक सदस्य विजयाराजे सिंधिया का जन्म।

1911: डॉन ब्रैडमैन के जमाने में महान भारतीय क्रिकेटर विजय मर्चेन्ट का जन्म।

1860ः ब्रिटेन और फ्रांस की सेना ने चीन की राजधानी बीजिंग पर कब्जा जमाया।

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