IAS समेत छह पुलिसकर्मियों को सुनाई गई सजा, 19 साल बाद हुआ इंसाफ..

उत्तर प्रदेश–बीजेपी विधायक सलिल विश्नोई ने उत्तर प्रदेश विधानसभा में विशेषाधिकार हनन का मामला उठाया था। इस मामले में यूपी विधानसभा अध्यक्ष ने रिटायर्ड आईएएस अब्दुल समेत छह पुलिसकर्मियों को एक दिन के सजा सुनाई है। इन्हें विधानसभा के अंदर ही बने लॉकअप में रहना होगा। पुलिसकर्मियों को सजा सुनाते हुए विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि आने वाली पीढ़ियों के लिए यह एक उदाहरण बनेगा।

दरअसल, 34 साल बाद शुक्रवार को यूपी विधानसभा को कोर्ट में तब्दील किया गया था। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष सतीन महाना ने सभी दलों के नेताओं से इस पर उनका पक्ष पूछा। इस दौरान दोषी पुलिसकर्मियों को भी अपनी सफाई में बोलने का मौका दिया गया। इसमें रिटायर्ड आईएएस अब्दुल समद व अन्य पुलिसकर्मियों ने सदन से माफी मांगी। कहा कि ऐसी गलती दोबारा नहीं होगी। जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने एक दिन की सजा सुनाई है।

सजा 3 मार्च रात 12 बजे तक की होगी। इस दौरान सभी पुलिसकर्मियों को विधानसभा में बनी सेल के लॉकअप में रखा जाएगा। सजा पर फैसला होने के बाद मार्शल सभी पुलिसकर्मियों को सदन से लॉकअप में ले गए। बता दें, जिन पुलिसकर्मियों को सजा सुनाई गई है उनमें रिटायर्ड आईएएस अब्दुल समद, एसएचओ ऋषिकांत शुक्ला, तत्कालीन उप निरीक्षक त्रिलोकी सिंह, तत्कालीन कांस्टेबल छोटे सिंह यादव, विनोद मिश्र और तत्कालीन सिपाही मेहरबान सिंह यादव भी शामिल हैं।

सूत्रों के मुताबिक, यह मामला 15 सितंबर 2004 का है। कानपुर के तत्कालीन विधायक जो हाल में विधान परिषद सदस्य हैं सलिल विश्नोई ने बिजली आपूर्ति को लेकर धरना दिया था और डीएम को ज्ञापन देना चाहते थे। उसी दौरान पुलिसकर्मियों ने उनके साथ अभद्रता और गाली गलौच कर अपमानित करते हुए लाठियां बरसाईं जिसमें विधायक के दाहिने पैर में फ्रैक्चर आ गया था। जबकि वह शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे। यह मामला विशेषाधिकार समिति के सामने आया।

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