कर्जदाताओं ने किया अनिल अंबानी के इस्तीफे को नामंज़ूर

भारतीय टेलीकॉम कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) के बुरे दौर में अनिल अंबानी ने कंपनी के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया था। माना जा रहा था कि ये इस्तीफा उन्होंने कंपनी को हो रहे लगातार घाटे को देखते हुए दिया था। हालाँकि कंपनी के कर्जदाताओं ने कंपनी से अनिल अंबानी का इस्तीफा नामंज़ूर कर दिया है। अनिल अम्बानी के साथ चार अन्य के इस्तीफे को भी नामंजूर कर दिया गया है। बीएसई में दी गई फाइलिंग में आरकॉम ने इसकी पुष्टि की।

रिलायंस कम्युनिकेशंस के कर्जदाताओं ने अंबानी के इस्तीफे को नामंज़ूर करते हुए उन्हें दिवाला एवं ऋणशोधन प्रक्रिया में सहयोग करने को कहा है। आरकॉम ने बीएसई में दी गई फाइलिंग में इसकी पुष्टि की। आरकॉम ने कहा कि 20 नवंबर को हुई कंपनी के कर्जदाताओं की समिति (सीओसी) की बैठक में कहा गया, ‘समिति ने सर्वसम्मति से कहा कि इस्तीफों को स्वीकार नहीं किया जा सकता है।’

कर्ज में दबी है रिलाइंस कम्युनिकेशंस

गौरतलब है कि मौजूदा समय में रिलायंस कम्युनिकेशंस दिवालिया कानून की प्रक्रिया से गुजर रही है। 2019 में भी कॉर्पोरेट इतिहास में वोडाफोन-आइडिया के बाद दूसरा सबसे बड़ा घाटा आरकॉम को हुआ था। कंपनी द्वारा जारी तिमाही नतीजों के अनुसार कंपनी को 30 हजार करोड़ से अधिक का घाटा हुआ। कर्ज के बोझ से दबी रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) को जुलाई-सितंबर की तिमाही में करीब 30,142 करोड़ रुपये का एकीकृत घाटा हुआ है। उच्चतम न्यायालय द्वारा सांविधिक बकाये पर फैसले के मद्देनजर देनदारियों के लिए प्रावधान की वजह से कंपनी का घाटा इतना ज्यादा पहुंच गया है।

इसके बाद ही कंपनी ने अनिल अंबानी के अलावा छाया विरानी, रायना कारानी, मंजरी काकेर और सुरेश रंगाचर के इस्तीफा देने की जानकारी जारी की थी। इनमें से अनिल अंबानी, छाया विरानी और मंजरी काकेर ने 15 नवंबर को इस्तीफा दिया। वहीं रायना कारानी ने 14 नवंबर और सुरेश रंगाचर ने 13 नवंबर को इस्तीफा दिया था।

आधी भी नहीं बची है संपत्ति

बता दें कि 2008 में अनिल अंबानी के पास 42 अरब डॉलर की संपत्ति थी। 11 साल बाद यानी 2019 में ये संपत्ति घटकर 5230 मिलियन डॉलर यानी करीब 3651 करोड़ रुपये रह गई है। उल्लेखनीय है कि इस संपत्ति में गिरवी वाले शेयर की कीमतें भी शामिल हैं। जबकि आरकॉम की कुल देनदारियों में 23,327 करोड़ रुपये का लाइसेंस शुल्क और 4,987 करोड़ रुपये का स्पेक्ट्रम इस्तेमाल शुल्क शामिल है। आरकॉम और उसकी अनुषंगियों ने 1,210 करोड़ रुपये के ब्याज और 458 करोड़ रुपये के विदेशी विनिमय उतार-चढ़ाव के लिए प्रावधान नहीं किया है।

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