‘प्रियंका रेड्डी’ को कैसे भूल गए पीएम मोदी !

मुद्दा राष्ट्रीय हो या अंतर्राष्ट्रीय, भारत से जुड़ा हो तो देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उसपर बोलने से नहीं चूकते। अपने देश की जनता से हर मुमकिन तरीके से जुड़ने वाले प्रधानमंत्री मोदी जनता से जुड़े मुद्दों पर खुलकर बोलते हैं।

हाल ही में, महाराष्ट्र की स्थिति देखते हुए, उन्होंने अपने विदेश दौरे से पहले राष्ट्रपति शासन लगाने की अनुमति दी। 23 नवंबर को पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के शपथ ग्रहण से ठीक पहले रात भर में राष्ट्रपति शासन भी हटाया गया। उद्धव सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री ने बाकायदा ट्वीट कर उन्हें बधाई दी। 27 नवंबर को उनके कैबिनेट में एक सहकर्मी प्रह्लाद जोशी को जन्मदिन की बधाई देते हुए भी ट्वीट किया।

श्रीलंका के राष्ट्रपति से हुई मुलाकात के बारे में भी लोगों को बताया। मामले को देखते हुए उन्होंने एक नहीं, दो नहीं, तीन नहीं, चार ट्वीट किए। अलग भाषाओँ में, वीडियो साझा करते हुए। इसरो को बड़ी उपलब्धि के लिए भी ट्वीट कर बधाई दी। शनिवार रात जापान के मंत्रियों से हुई मुलाकात को लेकर भी जानकारी दी। इसके बाद रविवार सुबह उन्होंने ट्वीट कर देश के राज्य नागालैंड में रह रहे अपने भाइयों और बहनो को स्टेटहुड की बधाई दी। उन्होंने ट्वीट में नागालैंड के उज्जवल भविष्य की कामना की। इसके साथ ही उन्होंने देश के BSF जवानो और उनके परिवारों को BSF दिवस की बधाई दी। आखिर, सभी का काफी ख्याल रखते हैं ‘भारत के प्रधानमंत्री’ |

लेकिन इस बीच एक और किस्सा हुआ, जिसके बारे में शायद प्रधानमंत्री लिखना भूल गए। या शायद उन्हें जानकारी नहीं दी गई। हैदराबाद में एक महिला डॉक्टर के साथ सामूहिक बलात्कार कर, उसपर पेट्रोल छिड़क कर, ज़िंदा जला दिया गया। ये घटना हालाँकि सोशल मीडिया पर काफी चर्चित है। शुक्रवार सुबह से ही इस घटने को लेकर कवितायेँ, ग्राफ़िक, जानकारियां सभी मीडिया प्लेटफार्म पर दी जा रही हैं। लेकिन शायद प्रधानमंत्री से ये खबर चूक गयी। उन्होंने किसी मीडिया में, किसी सोशल मीडिया पर, मन की बात में, इस घटना का कोई ज़िक्र नहीं किया। उन्होंने इस घटना की निंदा नहीं की, अफ़सोस नहीं जताया।

प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन को पूरा देश मनाता है। गलियां सजाई जाती हैं, आयोजन होते हैं। वहीँ प्रधानमंत्री मोदी समय समय पर लोगों के बीच जाकर उनकी परेशानियां सुनते हैं। ज़रुरत अनुसार, जैसे चुनाव के समय। लेकिन हाल फ़िलहाल में न हैदराबाद में चुनाव हैं, न लोकसभा चुनाव। और वैसे भी किसी ने कहा है, बड़े बड़े शहरों में छोटी छोटी बातें होती रहती हैं। ऐसे में किसी छोटी सी बात पर एक ट्वीट बर्बाद करने का क्या मतलब? प्रियंका के घर जाकर उसके परिवार की सिसकियाँ सुनने का क्या मतलब ?

और भारत में माना जाता है, कि बड़ों के रास्ते पर ही बच्चे चलते हैं। नेताओं के रास्ते पर उनके पीछे चलने वाले चलते हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री की कैबिनेट उनकी राह से जुदा कैसे हो सकती है। तभी तो प्रधानमंत्री के साथ ही, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपने गृह, अपने देश की इस छोटी सी बात को न सोशल मीडिया पर, और न संसद में तवज्जो दी। वहीँ केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी इस घटना पर कोई टिप्पणी नहीं की। आखिर कानून मंत्री हैं वो!

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