लॉक डाउन में सरकार ले रही है गरीबों की ज़िम्मेदारी पर कोटेदार कर रहे है मनमानी, नहीं मिल रहा राशन!

प्रतापगढ़ सदर ब्लाक के जगदीशपुर गांव में खाद्यान्न न मिलने, घटतौली को लेकर ग्रामीणों में जबरजस्त आक्रोश

कोटेदार की मनमानी से आजिज ग्रामीणों ने खोला मोर्चा। प्रशाशन ने साधी चुप्पी

कोरोना के चलते प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन घोषित किया, लॉक डाउन को एक माह बीत चुके है। इसकी मार सबसे ज्यादा झेलनी पड़ रही है गरीब मजदूरों को, जो रोज कमाते और खाते है। सरकार ने इससे निजात दिलाने को सस्ते गल्ले की दुकानों से सभी को राशन मुहैया कराने की घोषणा की और कहा कि भूख से किसी भी दशा में मौत नही होगी। लेकिन लॉकडाउन के बाद से ही जिले के विभिन्न इलाकों से कोटेदारों की मनमानी की शिकायतें लगातार सोशल मीडिया में छाई हुई है। जिले में किस तरह का माहौल है खाद्यान्न को लेकर इसकी एक बानगी देखने को मिली सदर ब्लाक के जगदीशपुर गांव में। इस गांव के कोटेदार शत्रुंजय सिंह की मनमानी के चलते ग्रामीणों में जबरजस्त आक्रोश फूट पड़ा है। ग्रामीणों का आरोप है की कोटेदार ने मनमानी करते हुए तमाम कार्ड धारकों के नाम ही कटवा दिए है और राशन भी नही दे रहा है। जिसे देता भी है तो घटतौली के चलते आधा अधूरा राशन ही ठहरता है। अलबत्ता उन लोगो को अंत्योदय कार्ड बनवा दिया है जिनके पास दो मंजिला मकान, ट्रकों और ट्रैक्टरों के मालिक है। इतना कोटेदार के पत्नी और बहू के नाम से भी कार्ड बना हुआ है। ग्रामीणों का आरोप तो यहा तक है कि कोटेदार बाट के बजाय ईंट पत्थरो से राशन तौलता है।


कोटेदार बयोवृध्द है जिसके चलते पूरी जिम्मेदारी उनके बेटे संभालते है उनके बेटे अमित सिंह का कहना है कि हम जिसके पास राशनकार्ड है हम उन्ही को दे सकते है। पत्थर से तौलते है कभी कभी इतना कहते ही कोटेदार का दूसरा बेटा उसे चुप करा देता है खींचकर।

कोटेदार हमेशा अपनी कारगुजारियों के चलते सुर्खियों में रहते है, लेकिन आज कोरोना को राष्ट्रीय आपदा घोषित होने के बावजूद इनकी कार्यशैली में कोई सुधार नजर नही आ रहा है। जबकि सरकार गरीबो मजदूरों को रोटी के इंतजाम के दावे कर रही लेकिन कोटेदार सरकार के दावों की धज्जियां उड़ाने में लगे है क्योंकि विभागीय अधिकारियों और नेताओं का इन्हें सरक्षण भी प्राप्त होता नजर आ रहा है। इस बाबत हमने जिलाधिकारी के साथ ही विभागीय अधिकारी से भी सम्पर्क किया लेकिन जिलाधिकारी के मातहतो ने बताया कि सरकार ने बयान पर रोक लगा दिया जिसके चलते साहब कोई बयान नही दे सकते।

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