जब प्रशासन ने की अनदेखी, तो ग्रामीणों ने खुद ही बनाया नदी पर लकड़ी का पुल

अयोध्या : कहते हैं जहां चाह वहां राह और यदि इच्छाशक्ति मजबूत हो तो इस सृष्टि में कोई भी कार्य असंभव नहीं है। कुछ इसी तर्ज पर ग्रामीणों ने पहले तो पपीहे की तरह प्यास बुझाने के लिए शासन और प्रशासन के कार्रवाई की प्रतीक्षा की, जब आस पूरी नहीं हुई, तो अन्य जीव-जंतुओं की तरह अपना रास्ता बनाने खुद निकल पड़े और नदी पर पुल बनाकर चमत्कार कर दिया। ग्रामीणों के इस कार्य की क्षेत्र में तो चर्चा है ही, उनका यह कार्य समूचे राष्ट्र के लिए एक सशक्त संदेश बन गया।

मामला जनपद अयोध्या के विकासखंड तारुन की ग्राम सभा कांधरपुर का है जहां ग्रामीणों ने बरसात के पहले ही ग्राम प्रधान प्रतिनिधि शिवकुमार निषाद की अगुवाई में तमसा नदी पर दिन रात कडी़ मेहनत कर लकड़ी का पुल बना डाला। बतादें कि नदी के उस पार स्थित देवस्थान पर अपनी आस्था के चलते बरसात में लोग तैर उस पार जाया करते थे। वहीं शादी विवाह  में लोगों को 10 किलोमीटर घूम कर नदी पार गांव में पहुचना पड़ता था। पहले तो  पुल बनाने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने कई बार  जन प्रतिनिधियों और अधिकारियों से फरियाद की परंतु कही भी सुनवाई ना होने पर थक हार कर ग्राम प्रधान प्रतिनिधि शिव कुमार निषाद ने ग्राम वासियों के साथ एक बैठक कर नदी पर लकड़ी का पुल बनाने का प्लान बनाया और बिना किसी सरकारी सहायता के ही ग्रामीणों द्वारा प्रदान की गई लकड़ी और चंद पैसों की मदद से तमसा नदी पर एक शानदार लकड़ी का पुल तैयार कर दिया। जो आसपास के ग्रामीणों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बन गए ।

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