पंजीयन के बाद 123 गौठानों में गोबर की खरीद नहीं

धमतरी। गोबर खरीदी के लिए पंजीयन कराने के बाद कई गोठानों में गोबर की खरीदी शुरू नहीं हुई है। ग्रामीण अंचल में स्थिति ठीक है, लेकिन नगरीय निकाय क्षेत्रों में गोबर खरीद का बुरा हाल है। शहरी क्षेत्रों में मात्र 414 किसान ही गोबर बेचते हैं।
जिले के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में संचालित गौठानों में गोबर खरीद के लिए 280 गौठान पंजीकृत है, जिसमें से 157 गौठानों में ही गोबर की खरीद हो रही है। जिले में गोबर खरीद जुलाई माह से शुरू हुई है। खरीद शुरू हुए दो माह सेअधिक का समय बीत गया है, लेकिन जिले में गोबर खरीद में गति नहीं आई है। ग्रामीण क्षेत्रों में गोबर खरीद फिलहाल ठीक है। यहां पंजीकृत 267 गौठानों में से 150 में गोबर की खरीद की जा रही है,जबकि 17 गौठानों में अब तक खरीद शुरू नहीं हुई है। जिले के धमतरी, कुरूद, मगरलोड और नगरी ब्लाक के ग्रामीण अंचलों के 4414 किसान ही गोबर बेचते हैं। अब तक इन किसानों ने 69132 क्विंटल से अधिक गोबर बेच चुके हैं। कुरूद ब्लाक के ग्रामीण अंचल में गोबर बेचने वाले पशुपालकों की संख्या सर्वाधिक 1749 है। इसी तरह धमतरी के 1083 पशुपालक, मगरलोड के 1031 और नगरी ब्लाक में सबसे कम 551 पशुपालक गोबर बेचते हैं।
नगरीय निकायों में स्थिति खराब
राज्य शासन के गोधन न्याय योजना के तहत गोबर की खरीद शहरी क्षेत्रों में भी शुरू की गई है, लेकिन यहां के पशुपालकों में गोबर बिक्री को लेकर ज्यादा दिलचस्पी नहीं है। जिले के नगर निगम धमतरी, नगर पंचायत नगरी, मगरलोड, कुरूद, आमदी और भखारा मिलाकर सिर्फ 414 पशुपालक ही गोबर बेचते हैं। सबसे ज्यादा नगर निगम धमतरी में 139 पशुपालक गोबर की बिक्री करते हैं। आमदी में सिर्फ 48, कुरूद में 41, भखारा में 83, मगरलोड में 38 और नगरी में मात्र 65 लोग ही गोबर बेचते हैं। जबकि नगर निगम धमतरी में गोबर खरीदी के लिए चार गोठान पंजीकृत है, जिसमें सिर्फ एक गोठान में ही खरीद हो रही है। आमदी के दो में से एक पर, कुरूद में दो सेंटरों पर खरीद हो रही है। मगरलोड व नगरी के दो-दो गौठानों में से एक-एक गोठानों पर खरीद की जा रही है।
इस संबंध में उपसंचालक जीएस कौशल ने बताया कि गोबर खरीद के लिए पशुपालकों को जागरूक किया जा रहा है।

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