अब मुस्लिम संगठनों ने शुरू की राम मंदिर के पास ही 5 एकड़ की मांग

अयोध्या के राममंदिर-बाबरी मस्जिद भूमि मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद एक नया विवाद खड़ा होता दिखाई दे रहा है । दरअसल सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तहत विवादित जमीन रामलला को देकर, मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ जमीन दी जाएगी । ऐसे में अब मुस्लिम नेता और संगठन मस्जिद के लिए सरकार द्वारा अधिगृहित 67 एकड़ जमीन में ही 5 एकड़ जमीन की मांग कर रहे हैं ।

इस मामले में बाबरी मस्जिद के एक पक्षकार बादशाह खान का कहना है कि सरकार के पास जो 67 एकड़ परिसर है, उसमें से ही 5 एकड़ जमीन उन्हें मस्जिद के लिए दे दी जाए । वहीं बाबरी मस्जिद मामले के मुख्य पक्षकार इकबाल अंसारी ने भी जमीन के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया है । इकबाल अंसारी ने कहा है कि उन्हें अयोध्या में राम मंदिर के पास ही मस्जिद के लिए जगह दी जानी चाहिए । उन्होंने एक बार फिर जोर देकर कहा कि सरकार जल्द बताए कि मस्जिद के लिए जमीन कहां दे रही है ।

ज़मीन की खोज जारी

गौरतलब है कि परमहंस वार्ड के पार्षद हाजी असद ने भी सरकार अधिगृहित 67 एकड़ जमीन में से ही मस्जिद बनाने के लिए 5 एकड़ जमीन देने की मांग की है । बता दें कि जिस रामजन्मभूमि पर विवाद रहा है, वह अयोध्या के परमहंस वार्ड में ही स्थित है । वहीं अयोध्या के ही जिला पार्षद बबलू खान का कहना है कि वह अयोध्या की 14 किमी. की सांस्कृतिक सीमा से बाहर ज़मीन चाहते हैं, उनका कहना है कि सरकार जहां चाहे वहां पर ज़मीन दे दे ।

बता दें कि अयोध्या प्रशासन ने मस्जिद के लिए जमीन की खोज तेज कर दी है । अयोध्या के 14 किलोमीटर की सांस्कृतिक सीमा के बाहर से लेकर शहर के भीतर तक जमीन देखी जा रही है । सूत्रों के मुताबिक, अयोध्या शहर के भीतर 5 एकड़ जमीन मिलना मुश्किल लग रहा है । वहीं इस मामले में हिन्दू पक्षकारों की ओर से रामविलास वेदांती ने कहा है कि सरकार के द्वारा जो अधिगृहित भूमि है, उसमें वह किसी तरह का निर्माण नहीं होने देंगे । बाकी सब केंद्र सरकार को तय करना है ।

सोमनाथ मंदिर जैसे हो राम मंदिर का उद्धार

राममंदिर निर्माण के लिए बनाए जा रहे ट्रस्ट को लेकर विश्व हिंदू परिषद ने साफ तौर पर मांग की है कि नए ट्रस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद हों और गृह मंत्री अमित शाह भी रहें । ताकि जिस तरह सोमनाथ मंदिर का पुनरुद्धार हुआ, वैसे ही राम मंदिर के साथ हो । हालांकि अयोध्या के साधु संत के अनुसार उनका मिशन मंदिर पूरा हो चुका है । राममंदिर निर्माण के लिए बने ट्रस्ट को लेकर साधु संतों का कहना है कि ट्रस्ट में किसे रखना है ये सरकार का काम है । बस जल्दी से जल्दी मंदिर बनना चाहिए ।

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