अच्छी पैदावार के लिए खेत में नमी होना बहुत आवश्यक है : नीति आयोग

बांदा : वर्षा बूंदे जहां गिरे वहीं पर रोके, जिस खेत में जितना पानी होगा उतनी अधिक नमी रहेगी और अच्छी पैदावार के लिए खेत में नमी होना बहुत आवश्यक है। यह विचार नीति आयोग भारत सरकार के जल भूमि विकास सलाहकार अविनाश मिश्रा ने बांदा जनपद के जलग्राम जखनी के किसानों द्वारा अपने श्रम से की गई खेतों की मेड़बंदी को देखने के बाद कही।
नीति आयोग के जल सलाहकार बगैर प्रचार प्रसार के अचानक जखनी गांव के किसानों के समुदायिक मेड़बंदी प्रयास को देखने के लिए खेतों पर पहुंचे।गांव के तालाबों, कुओं को तथा परंपरागत जलस्रोत नालों को देखा। किसानों द्वारा अपने पैसे से बनाए गए तालाबों को देखा तथा आस-पास के गांव में भी गए। केन नदी के दर्शन किए। जल ग्राम जखनी की समिति के कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। जलग्राम जखनी का नारा खेत पर मेड़, मेड़ पर पेड़ को जल संरक्षण के लिए उपयुक्त माना।
नीति आयोग के सलाहकार ने कहा कि मेड़बंदी से खेत में वर्षा का जल रुकता है, भूजल संचयन होता है, भूजल स्तर बढ़ता है। फसलों को जलभराव अभाव के कारण होने वाले नुकसान से बचाता है।कहा कि लंबे समय से जखनी जल ग्राम समिति को मेड़बंदी विधि से जल संरक्षण के फायदे बता रहा हूं परंपरागत विधि बता रहा हूं। जखनी मॉडल परंपरागत जल संरक्षण विधि को दूसरे राज्यों में लागू किया जा रहा है। जखनी के किसानों ने अपने श्रम मेहनत संसाधन से मेड़बंदी करके पूरे देश में प्रसिद्धि पाई है, गांव में समृद्धि आई। इस गांव के  नौजवान किसानों ने खेती के क्षेत्र में परंपरागत तकनीक अपनाकर बगैर किसी सरकारी सहायता के अद्भुत सराहनीय कार्य किया है।
मेड़ बंदी से पोषक तत्व खेत में ही बने रहते हैं। मृदा कटाव रुक जाता है। नमी संरक्षण से फसल के अवशेष सड़ने से खेत को परंपरागत जैविक ऊर्जा प्राप्त होती है। मेड़बंदी से खराब भूमि को भी उपजाऊ बनाया जा सकता है। पशुओं को चारा मिलता है, धान, गेहूं की फसल के लिए, मेड़बंदी से ही जल मिलता है। आवश्यक है खेत के ऊपर मेड़ पर फलदार कम छायादार पौधे लगाए जाए। इनमें बेल, सहजन, करौंदा, अमरूद, नींबू, सागोन पेड़ लगाए जा सकते हैं जिससे आयुर्वेदिक औषधियां प्राप्त होगी।
नीति आयोग के सलाहकार डॉ मिश्रा ने कहा कि हमारे पुरखे अरहर, उर्द, सन, अलसी, ज्वार,जैसी फसलें मेड़ पर पैदा करते थे जिन्हें कम पानी चाहिए। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेड़बंदी के माध्यम तथा परंपरागत तरीके से जल संरक्षण के लिए देश भर के प्रधानों को पत्र लिखा है। इस अवसर पर जल ग्राम समिति के संयोजक उमा शंकर पांडे, ने मेड़बंदी से संबंधित जानकारी साझा की। भ्रमण के दौरान अली मोहम्मद, निर्भय सिंह, प्रेमचंद वर्मा, राजा भैया वर्मा, रामचंद्र यादव, राम विशाल कुशवाहा, प्रेम प्रकाश, अजय शिवहरे मौजूद थे। नीति आयोग के सलाहकार डॉ अविनाश मिश्रा ने सर्वोदय कार्यकर्ता निवासी घुरोडा गजेंद्र से मुलाकात की।

 

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