जनेश्वर मिश्र पार्क में झूले, नाव और जिम के उपकरण टूटे; जानिए बदहाली के लिए कौन है जिम्मेदार

लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा संचालित जनेश्वर मिश्र पार्क में बच्चों के लिए लगे झूले नाव और ओपेन जिम के उपकरण टूट गए हैं। इससे बच्चों से लेकर बड़ों को परेशानी उठानी पड़ रही है। यह हाल तब है जब दर्शकों के लिए आज भी जनेश्वर मिश्र पार्क पसंदीदा जगह है।

मती नगर में 376 एकड़ में फैले जनेश्वर मिश्र पार्क में झूलों के कारण बच्चें आना पसंद करते हैं।

खनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) द्वारा संचालित जनेश्वर मिश्र पार्क में बच्चों के लिए लगाए गए झूले, नाव और ओपेन जिम के उपकरण टूट गए हैं। इससे बच्चों से लेकर बड़ों को परेशानी उठानी पड़ रही है। यह हाल तब है जब दर्शकों के लिए जनेश्वर मिश्र पार्क सबसे ज्यादा पसंदीदा जगह है। वॉटर बाडी में नाव का संचालन नए टेंडर के कारण रुका हआ है। यहां दर्जनों नावें मरम्मत का इंतजार कर रही हैं। गेट नंबर चार के पास साइकिल की लंबी कतारे हैं, लेकिन इनमें ज्यादातर खराब हो चुकी हैं। कोरोना का ग्राफ कम होते ही यहां घूमने आने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है। इसके बावजूद जिम्मेदारों की नजर इस पार्क पर नहीं पड़ रही है।

गोमती नगर में 376 एकड़ में फैले जनेश्वर मिश्र पार्क में झूलों के कारण बच्चें आना पसंद करते हैं। यहां झूले बच्चों के अभिभावकों के बैठने के कारण टूट चुके हैं। यहां तैनात गार्ड ने बताया कि पांच प्रकार के नए झूले लगाए गए हैं लेकिन तीन झूले टूटे हैं, जो बड़े बच्चों व कुछ अभिभावकों के बैठने से टूट गए हैं। वहीं अभियंताओं ने मरम्मत की बात कही है। बगल में ओपेन जिम में पैरों की कसरत के लिए लगाई गई मशीनों के उपकरण भी मरम्मत मांग रहे हें। खुले आसमान में वर्ष 2016 में लगाई गई लकड़ी की बेंच धूप और बरसात के कारण सड़ चुकी हैं और कई टूटी पड़ी हैं। अगर इनके स्थान पर लोहे की बेंच लगाकर शेल्टर की व्यवस्था कर दी जाए तो बैठने वालों को भी राहत महसूस होगी।

गोल्फ कार्ट व साइकिल के क्या है चार्जः गोल्फ कार्ट एक घंटे के लिए तीन सौ रुपये में बुक होती है। पूरी गोल्फ कार्ट में सात से आठ लोग बैठ सकते हैं। वहीं साइकिल भी बीस रुपये प्रति घंटे किराए पर मिलती है।

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