यह मजदूर नहीं साहब मजबूर हैं , अमेठी में मजदूरों को लेकर दिल रुला देने वाला दृश्य

2 दिन पहले तारीख थी 1 मई यानी मजदूर दिवस। देश ने यह तारीख उन मजदूरों के सम्मान लिए कर रखी है जो देश के विकास के लिए कर्णधार माने जाते हैं।

1 मई को देश में मजदूर दिवस मनाया बड़े-बड़े नेता सोशल साइट्स पर मजदूरों को लेकर बड़े-बड़े ज्ञान दे रहे थे लेकिन मजदूर दिवस को बीते 2 दिन भी नहीं हुआ की आज अमेठी में मजदूरों को लेकर एक दिल को रुला देने वाला दृश्य देखने को मिला।

प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ भले ही यह कहते हैं कि कोई भी मजदूर पैदल यात्रा नहीं करेगा सबके लिए समुचित व्यवस्था की जाएगी लेकिन केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के संसदीय क्षेत्र अमेठी जो दृश्य देखने को मिल रहा है जहां लगभग तीन दर्जन मजदूर अमेठी से कटिहार के लिए पैदल ही निकल पड़े वह कहीं ना कहीं शासन और प्रशासन के ऊपर प्रश्न चिन्ह लगा रहा है.

वहीं पर मजदूरों का कहना है कि हम लोग लॉक डाउन में फंसे थे और सोच रहे थे कि लॉक डाउन अब खुलेगा अब खुलेगा लेकिन यह और भी आगे बढ़ता ही जा रहा है और हम लोग अब पैदल ही बिहार के कटिहार डिस्ट्रिक्ट के लिए निकल पड़े हम लोग रेलवे में केबल का काम करते थे ठेकेदार द्वारा हम लोगों को अब ना तो काम मिल रहा है और ना ही हम को घर पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है इसीलिए हम 36 लोग हैं और पैदल ही बिहार के कटिहार के लिए निकल पड़े हैं जो सैकड़ों किलोमीटर दूर है।

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