मायावती ने चुनाव से एकबार फिर बदला अपना पक्ष!

जिसे मायावती का सपा प्रमुख के खिलाफ नरम तेवर माना जा रहा था. हालांकि 24 घंटे में ही बसपा सुप्रीमो के तेवर बदल गए हैं.

उत्तर प्रदेश में विधानसभा सत्र (UP Monsoon Session) के पहले दिन ही समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के नेतृत्व में पैदल मार्च निकाला था. मार्च को लखनऊ पुलिस (Lucknow Police) ने रोक दिया था, जिसके बाद बसपा (BSP) प्रमुख मायावती (Mayawati) ने ट्वीट कर बीजेपी सरकार पर निशाना साधा था. जिसे मायावती का सपा प्रमुख के खिलाफ नरम तेवर माना जा रहा था. हालांकि 24 घंटे में ही बसपा सुप्रीमो के तेवर बदल गए हैं.

मायावती ने ट्वीट कर लिखा, “बीजेपी की घोर जातिवादी, साम्प्रदायिक व जनहित-विरोधी नीतियों आदि के विरुद्ध उत्तर प्रदेश की सेक्युलर शक्तियों ने सपा को वोट देकर यहां प्रमुख विपक्षी पार्टी तो बना दिया, किन्तु यह पार्टी बीजेपी को कड़ी टक्कर देने में विफल साबित होती हुई साफ दिख रही है, क्यों?”

 

बसपा सुप्रीमो ने अपने अगले ट्वीट में लिखा, “यही कारण है कि बीजेपी सरकार को यूपी की करोड़ों जनता के हित व कल्याण के विरुद्ध पूरी तरह से निरंकुश व जनविरोधी सोच व कार्यशैली के साथ काम करने की छूट मिली हुई है. विधान सभा में भी भारी संख्या बल होने के बावजूद सरकार के विरुद्ध सपा काफी लाचार व कमजोर दिखती है, अति-चिन्तनीय.”

पहले किया था ये ट्वीट

इससे पहले मंगलवार को उन्होंने ट्वीट कर लिखा था, “विपक्षी पार्टियों को सरकार की जनविरोधी नीतियों व उसकी निरंकुशता तथा जुल्म-ज्यादती आदि को लेकर धरना-प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं देना बीजेपी सरकार की नई तानाशाही प्रवृति हो गई है. साथ ही, बात-बात पर मुकदमे व लोगों की गिरफ्तारी और विरोध को कुचलने की बनी सरकारी धारणा अति-घातक.”

 

उन्होंने आगे लिखा, “महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, बदहाल सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य व कानून व्यवस्था आदि के प्रति यूपी सरकार की लापरवाही के विरुद्ध धरना-प्रदर्शन नहीं करने देने व उनपर दमन चक्र के पहले बीजेपी जरूर सोचे कि विधानभवन के सामने बात-बात पर सड़क जाम करके आमजनजीवन ठप करने का उनका क्रूर इतिहास है.”

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