गंगा दशहरा के पर्व पर लॉकडाउन के कारण मथुरा यमुना घाट पर नहीं हुई भीड़, प्रशासन ने किए थे पुख्ता इंतजाम

मथुरा:आज गंगा दशहरा है। माना जाता है कि इस दिन गंगा मैया धरती पर आयी थीं। राजा सगर के एक हजार पुत्रों की आत्मा की शांति के लिए भागीरथ ने तपस्या की और प्रसन्न होकर माता गंगा धरती पर आयीं। इससे पहले वे हिमालय में सप्त ऋषियों और देवताओं की पूज्य थीं, लेकिन धरती पर आने के बाद वे पूरी मनुष्य जाति का उद्वार करने लगीं।

धार्मिक मान्यता है कि गंगा ओर यमुना नदी में स्नान करने से व्यक्ति के पाप कटते हैं। वहीं यदि स्नान गंगा दशहरा पर्व पर किया जाए तो इसका पुण्य कई गुना बढ़ जाता है। यमुना मैया को भी पवित्र नदियों में गिना जाता है। जो लोग गंगा मैया के तट पर न जा सकते हों वे यमुना नदी में स्नान करते है।

दरअसल आज गंगा दशहरा पर्व है जिसको लेकर मथुरा के यमुना किनारे श्रद्धालुओं का सुबह से ही जमावड़ा लग जाता था और इस पावन पर्व पर स्नान कर पुण्य फल प्राप्त करते थे मगर इस बार वैश्विक माहवारी कोरोना के चलते प्रशासन द्वारा लोगों से अपील की गई थी कि दशहरे का पर्व अपने घरों पर ही मनाए । जिससे कि इस बीमारी से बचा जा सके और सोशल डिस्टेंस का भी ध्यान रखा जा सके। मगर मथुरा में श्रद्धालुओं ने कोरोना जैसी बीमारी को भी ना समझते हुए स्नान करने घाट पर पहुंचे तो पुलिस ने श्रद्धालुओं को स्नान नहीं करने दिया। मगर कुछ महिलाओं ने स्नान जरूर किये जबकि श्रद्धालुओं का कहना है कि सरकार का यह प्रयास अच्छा है और देश को बचाया हैम मगर खुद ही इस प्रयास को नाकामयाब साबित कर रहे हैं।

जबकि पड़ा समाज के लोगों का कहना है कि हमारा व्यवसाय भी यहीं से चलता है। दशहरे के पावन पर्व पर भारी मात्रा में श्रद्धालु आते हैं। उनसे हमारा भी घर चलता है मगर इस कोरोना जैसी बीमारी जो के भस्मासुर के रूप में कुंडली मारकर बैठ गया है। उस कारण श्रद्धालु स्नान करने नहीं आए हैं जबकि सुरक्षा की बात करें तो प्रशासन की ओर से काफी इंतजाम किए गए थे श्रद्धालुओं को स्नान से रोकने के लिए मगर कुछ श्रद्धालुओं ने प्रशासन का घेरा तोड़कर स्नान किया और मुंडन भी कराये। इसके साथ ही यमुना मैया के मंदिर में दर्शन भी किए गए जबकि पुलिस द्वारा सोशल डिस्टेंस का भी पालन कराया गया मगर दूसरे रूप में श्रद्धालुओं की भावनाओं को ठेस जरूर पहुंची है।

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