लखनऊ : सचिवालय में नौकरी दिलाने वाले दो जालसाज गिरफ्तार

लखनऊ। नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगारों से रुपये ऐठने के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। यूपी एसटीएफ ने रविवार को ऐसे ही गिरोह के दो सदस्यों को दबोचा है जो सचिवालय में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करते हैं।

एसटीएफ के पुलिस उपाधीक्षक धर्मेश शाही ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिली की सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले एक गिरोह का सरगना देवश कुमार मिश्र अपने गिरोह के कुछ सदस्यों के साथ इन्दिरानगर के अरविन्दो पार्क के पास किसी से मिलने आ रहा है। इसके बाद उपनिरीक्षक विक्रम सिंह के नेृतत्व में टीम का गठन किया गया। टीम ने पार्क को घेराबंदी करके दो अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया।

पूछताछ में पकड़े गए अभियुक्तों ने अपना नाम हरदोई निवासी देवेश कुमार मिश्र और खीरी निवासी विनीत कुमार मिश्र बताया। इनके पास से कूरचित आदेश पत्र, अभ्यर्थियों के शैक्षणिक प्रमाण पत्र और फोटोग्राफ अन्य चीजे बरामद हुई है।

गिरफ्तार अभियुक्तों ने पूछताछ करने पर बताया कि उसका एक गिरोह है जो बेरोजगार नौजवानों को ढ़ूढ़ते हैं और उन्हे सचिवालय व अन्य सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने का लालच देकर उनसे पैसा लेते है। उनको हम लोगों के द्वारा फर्जी तरीके से तैयार किया हुआ सचिवालय का लोगो लगा क्लर्क एवं चपरासी के पद का फर्जी नियुक्ति पत्र पर मुख्य सचिव का फर्जी हस्ताक्षर करके उनको नियुक्ति पत्र दे दिया जाता था।

अक्सर हम लोग अभ्यर्थियों से सचिवालय के बाहर मिलते थे, जिससे उनको विश्वास हो जाता था। प्रति अभ्यर्थी क्लर्क के पद के लिए चार से 05 लाख रुपये व चपरासी पद के लिए दो से तीन लाख रुपये तक लेते थे। अभ्यर्थियों से मिले पैसों को हम लोग सबके काम के हिसाब से आपस में बांट लेते हैं। पुलिस उपाधीक्षक ने बताया कि अभियुक्तों अग्रिम कार्रवाई के लिए इन्दिरानगर पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया है।

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