जानिए स्वतंत्र देव सिंह कैसे संभाला है बीजेपी को

उत्तर प्रदेश के अंदर 2022 में विधानसभा का चुनाव है, उससे पहले उत्तर प्रदेश में पंचायत के चुनाव होने जा रहे हैं और इस पंचायत के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी अपने बुथ को पूरी तरीके से मजबूत कर लेना चाहती है, 2022 के चुनाव से पहले सेमीफाइनल बीजेपी पंचायत के चुनाव में लड़ना चाह रही है, इसी सेमीफाइनल को जिताने के लिए बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कमान संभाल लिया है

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र से स्वतंत्र देव सिंह आते हैं और बीजेपी के सबसे विश्वसनीय जमीनी नेताओं में से एक स्वतंत्र देव सिंह भी है और इस वक्त बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं, इसी तालमेल को मिलाकर आने वाले चुनाव हो जीतने की जो रणनीति स्वतंत्र देव सिंह बना रहे हैं और जो संगठन को अभी से चुनावी माहौल में डाल रहे हैं

इससे यह साफ हो रहा है कि कहीं ना कहीं बीजेपी को जमीनी फीडबैक के आधार पर रणनीति बनाने में स्वतंत्र देव शतरंज के वजीर साबित हो रहे हैं, आपको बता दें कि हाल ही में उत्तर प्रदेश के अंदर जिस तरीके से चुनाव करीब आ रहा है उतने ही तेजी से स्वतंत्र देव सिंह दौरे भी कर रहे हैं,

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स्वतंत्र देव के एक औसत सप्ताहिक दौरे की बात करें तो एक हफ्ते में स्वतंत्र देव सिंह 4 दिन प्रदेश के अलग-अलग जनपदों के दौरे पर रहते हैं 2 दिन वह संगठन का काम करते हैं और फिर उसी दौरे की फीडबैक के आधार पर संगठन की रणनीतियों को जमीन पर उतारने के लिए रणनीति बनाते हैं, जिससे यह साबित हो रहा है कि 2022 के चुनाव को लेकर प्रदेश अध्यक्ष अपने संगठन की पूरी ताकत लगाकर चुनाव जीतने में लगे हैं, चाहे वह पंचायत का चुनाव हो चाहे वह आने वाले 2022 के विधानसभा का

इसके साथ-साथ स्वतंत्र देव सिंह संगठन के पदाधिकारियों तक के कामकाज का पूरा बेवरा ले रहे हैं, इसके अलावा बीजेपी के लिए सबसे खास बात यह है कि स्वतंत्र देव सिंह पिछड़ा वर्ग से आते हैं जिससे बीजेपी को पिछड़े वर्ग के वोटरों को लुभाने के लिए या वोटरों को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए खुद स्वतंत्र देव सिंह एक प्रभावी चेहरे के रूप में बीजेपी के द्वारा प्रदर्शित किए जा रहे हैं

कुल मिलाकर आप यह कह सकते हैं कि इस वक्त स्वतंत्र देव सिंह बीजेपी के लिए पूरी तरीके से अध्यक्ष पद पर फिट बैठ रहे हैं , अपनी कार्यप्रणाली की वजह से बीजेपी के प्रदेश के संगठन को अभी तक इकट्ठा करने में कहीं न कहीं कामयाब होते हुए नजर आ रहे हैं अब देखना यह होगा कि आने वाले समय में जब 22 का चुनाव आता है तो किस तरीके से संगठन को एक साथ लेकर चुनावी मैदान में बीजेपी का यह वजीर उतरता है।

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