कलयुग में दिखाई दिया सतयुगी बेटा, मां और बड़े भाई को बैठा कर कि कावड़ यात्रा

कलयुग में दिखाई दिया सतयुगी बेटा, मां और बड़े भाई को बैठा कर कि कावड़ यात्रा

 

कलयुग में दिखाई दिया सतयुगी बेटा, मां और बड़े भाई को बैठा कर कि कावड़ यात्रा

जनपद मुजफ्फरनगर में शिवभक्त कावड़ियों का आगमन दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। अभी तक लगातार शिवभक्त कावड़िए भारी मात्रा में हरिद्वार स्थित पवित्र हर की पौड़ी से गंगा जल उठाकर अपने गंतव्य की ओर बढ़ रहे हैं। वही आज जनपद से होकर गुजरे एक शिव भक्त कावड़िए ने सभी जनपद वासियों का मन मोह लिया। जनपद बुलंदशहर के शिवभक्त कावड़िए ने अपनी कावड़ में एक तरफ अपनी मां को तो दूसरी तरफ अपने बड़े भाई को बैठाया हुआ था।
यह दृश्य देख आमजन के मुंह से सुना गया कि आज भी कलयुगि श्रवण जिन्दा है।

आपको बता दें भोले श्रवण उर्फ़ विजय गुज्जर नें मीडिया से बात करते हुए कहा कि माता-पिता ही सबसे बड़ी भक्ति है और इनका आदर सम्मान करना हमारा परम कर्तव्य है। और मैंने अपनी मां जग्गो देवी और अपने बड़े भाई को हरिद्वार स्थित अपवित्र हर की पौड़ी से ही अपनी कावड़ में बैठाया है और जनपद बुलंदशहर के गांव शेरपुर स्थित शिव मंदिर में जलाभिषेक करेंगे। विजय गुर्जर इस दौरान बेहद संतुष्ट है खुश नजर आए उन्होंने बताया कि वह प्रत्येक दिन 20 से 26 किलोमीटर तक का सफर तय करते हैं और 25 तारीख तक अपने गांव पहुंच जाएंगे और 26 तारीख को शिव मंदिर में जलाभिषेक करेंगे। उन्होंने कहा कि यही तो पल जीने के होते है। और उन्हें यह प्रेरणा पहली बार कावड़ लेकर जाने पर मिली थी जब उन्होंने हरियाणा के एक युवक को अपने माता पिता को ऐसे ही तरह ले जाते हुए देखा था। शिव भक्त भोले ने बताया कि उनकी यह दूसरी कावड़ है।

कावड़ में बैठी माता जग्गो देवी ने अपने श्रवन बेटे की प्रशंसा करते हुए कहा कि भगवान ऐसा बेटा सबको देवें। उन्होंने बताया कि गंगा स्नान कराकर हर की पौड़ी से ही उसने कावड़ में बिठा लिया था और वहीं से अपने कंधे पर बिठा कर ला रहा है। हरिद्वार से मुजफ्फरनगर तक करीब 100 किलोमीटर का सफर तय कर चुके। विजय गुर्जर किसी बात से मायूस नजर नहीं आता। और विजय पर उसकी माता का भरपूर आशीर्वाद और भरोसा दिखाई देता है। माता जग्गो देवी सभी मां बाप के लिए विजय जैसा बेटा बनने की मनोकामना करती है।

 

 

 

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