भारत : लेजर गाइडेड एंटी टैंक मिसाइल का हुआ ट्रायल , सफलतापूर्वक हुआ परीक्षण….

नई दिल्ली : रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने लेजर गाइडेड एंटी टैंक मिसाइल का सफल परीक्षण महाराष्ट्र के अहमदनगर में एमबीटी अर्जुन टैंक से फायर करके किया। इस टेस्ट के दौरान एंटी टैंक मिसाइल ने तीन किलोमीटर दूरी पर मौजूद लक्ष्य को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया। यह एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल लेजर की सहायता से दिशा निर्देशित अपने लक्ष्य पर सटीक निशाना लगा​​ती है।

डीआरडीओ के मुताबिक कई-प्लेटफ़ॉर्म लॉन्च क्षमता के साथ इसे विकसित किया गया है और वर्तमान में एमबीटी अर्जुन में लगी बंदूक से फायर करके इसका तकनीकी मूल्यांकन किया जा रहा है। अहमदनगर में बख्तरबंद कोर सेंटर और स्कूल पर मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया है। किये गए परीक्षणों के बारे में बताया गया कि एमबीटी अर्जुन टैंक से दागी गई मिसाइलों ने तीन किलोमीटर तक लक्ष्य को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया। मिसाइल की विभिन्न विशेषताओं के बारे में डीआरडीओ ने कहा कि एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का विस्फोटक रियर आर्मर संरक्षित बख्तरबंद वाहनों को हराने के लिए एक गर्म वॉरहेड नियुक्त करता है। मिसाइल को मल्टी-प्लेटफॉर्म लॉन्च क्षमता के साथ विकसित किया गया है और वर्तमान में एमबीटी अर्जुन की बंदूक से तकनीकी मूल्यांकन परीक्षण चल रहा है।

डीआरडीओ के मुताबिक इस एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल को पुणे की उच्च ऊर्जा सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला ने देहरादून की संस्था इंस्ट्रूमेंट्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट इस्टैब्लिशमेंट और आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट पुणे के सहयोग से विकसित किया गया है। एमबीटी अर्जुन से लेजर गाइडेड एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल के सफलतापूर्वक परीक्षण के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ को बधाई दी। उन्होंने डीआरडीओ को बधाई देते हुए ट्विट किया “अहमदनगर में केके रेंज (एसीसी एंड एस) में एमबीटी अर्जुन से लेजर गाइडेड एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल के सफलतापूर्वक परीक्षण फायरिंग के लिए डीआरडीओ को बधाई। भारत को डीआरडीओ पर गर्व है, जो निकट भविष्य में आयात निर्भरता को कम करने की दिशा में काम कर रहा है।” डीआरडीओ अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी ने भी सफल परीक्षण पर कर्मचारियों को बधाई दी।

लड़ाकू ड्रोन ‘अभ्यास’ का सफल परीक्षण
इससे पहले मंगलवार को ही ओडिशा के बालासोर में डीआरडीओ ने लड़ाकू ड्रोन ‘अभ्यास’ का सफल परीक्षण किया था। यह एक हाई-स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टार्गेट है, जिसे एडीई में विकसित किया गया है। डीआरडीओ के मुताबिक यह हथियार प्रणालियों को परीक्षण के लिए एक रियलिस्टिक खतरा सीनेरियो देता है, जिसकी मदद से विभिन्न मिसाइलों या हवा में मार करने वाले हथियारों का परीक्षण किया जा सकता है। अभ्यास लड़ाकू ड्रोन को ऑटोपायलट की मदद से स्वायत्त उड़ान के लिए तैयार किया गया है। इस दौरान दो प्रदर्शनकारी वाहनों का भी सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। डीआरडीओ के मुताबिक इन वाहनों का इस्तेमाल विभिन्न मिसाइल सिस्टम्स के मूल्यांकन में लक्ष्य के तौर पर किया जा सकेगा।

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