घबराए नहीं बस मेहनत करते जाएं:कोरोना काल में भी मिल रहा रोजगार,

देश-दुनिया में कोरोना काल के दौरान भले ही अमूमन पेशेवरों की जॉब चली गई हो। लेकिन प्रदेश इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (IIM) उदयपुर ने प्लेसमेंट के लिहाज से बाउंस बैक किया है। कोरोनाकाल में IIM उदयपुर के 2018-20 बैच के 287 में से 280 स्टूडेंट्स को जॉब मिल चुकी है। जबकि 7 स्टूडेंट्स के प्लेसमेंट प्रक्रिया चल रही है।

इस बार कोरोना काल में भी IIMU का सर्वश्रेष्ठ पैकेज 2011-12 की तुलना में 21 लाख रुपए बढ़ा है। जो 2011-12 बैच का सबसे बड़ा पैकेज 14 लाख था। वहीं साल 2016-2018 के बैच का सबसे बड़ा पैकेज 19.30 लाख रुपए था। जो साल 2017-2019 बैच में बढ़कर 30.30 लाख तक पहुंचा था। और अब सबसे बड़ा पैकेज 35 लाख तक जा पहुंचा है।

ऐसे में 35 लाख का पैकेज 2017-19 के 30.30 लाख के पैकेज से भी 4.70 लाख रुपए ज्यादा है। कोरोना के समय में औसत पैकेज 13.19 लाख रुपए रहा है। सबसे छोटा पैकेज 7 लाख और मध्यम पैकेज 12.50 लाख रुपए रहा। IIMU ने 57 स्टूडेंट्स व 2 फैकल्टी के साथ शुरू किया था। जो अब बढ़कर 703 स्टूडेंट्स और 40 फैकल्टी की स्ट्रेंथ यहां मौजूद हैं।

पूरा फोकस हाई क्वालिटी रिसर्च पर

IIMU एक के बाद एक चुनौतियों को पार करते-करते अब संस्थान ने ग्लोबल रैंकिंग में शामिल हो चुका है। क्यूएस और एफटीएमआईएम की रैंकिंग में संस्थान ने बेहतर प्रदर्शन किया है। इसके कारण देशभर का टैलेंट यहां पर आ रहा है। प्लेसमेंट आउटकम को उच्च स्तर तक ले जाने, स्टूडेंट्स ट्रांसफॉर्मेशन और हाई क्वालिटी रिसर्च पर यहां ध्यान दिया जा रहा है।

अब विजन-2030 पर चल रहा है काम

IIMU डायरेक्टर प्रोफेसर जतन शाह ने बताया कि संस्थान के फ्यूचर विजन पर भी काम शुरू हो चुका। विजन-2030 को अचीव करने के लिए जमीनी स्तर पर काम शुरू कर दिया है। IIM उदयपुर अपनी टीम के बेहतर एजुकेशनल मैनेजमेंट के दम पर लगातार प्रगति के पथ पर अग्रसर है। हम संस्थान को देशभर में अव्वल बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस विजन को मुकाम तक पहुंचाने के लिए संस्थान की टीम और कमेंटेटर हर्षा भोगले, मेंबर नेक्स्ट वैल्थ के सीईओ मिथिली रमेश शामिल है।

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