अलीगढ़ के डीएम ने लगाया था डॉ. कफील पर NSA, हाई कोर्ट ने गैरकानूनी बता कर किया खारिज

डीएम अलीगढ़ ने नफरत फैलाने के आरोप में डॉ कफील पर एनएसए लगाया था। पिछले कई महीनों से कफील खान मथुरा जेल में बंद हैं। फैसला सुनाते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि अलीगढ़ डीएम की ओर से 13 फरवरी, 2020 को पारित आदेश (एनएसए की कार्रवाई) गैरकानूनी है। कफील खान को हिरासत में लेने की अवधि का विस्तार भी अवैध है। डॉ. कफील खान को तुरंत रिहा करने का आदेश जारी किया । इस पर इंडिया माइनॉरिटी फ्रंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष एस एम आसिफ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया है।जिसमे कहा गया है। कि डॉक्टर कफील खान के ऊपर लगा एनएसए गैर कानूनी था।

आसिफ ने कहा है।की इससे साबित होता है।की यूपी की योगी सरकार अल्पसंख्यकों के खिलाफ कानून का दुरुपयोग करके अपने राजनैतिक लाभ ले रही है। उन्होंने कहा कि यूपी में कानून व्यवस्था की हालत अब खस्ता हो चुकी है।क्योंकि जब कानून के रखवाले ही कानून का दुरपयोग करेगे तो उस राज्य का तो ऊपर वाला ही मालिक है। गौरतलब है कि हाई कोर्ट ने एनएसए हटाने का आदेश जारी करते हुए डॉक्टर कफील खान को तुरंत रिहा करने का निर्देश दिया है। बता दें कि डॉ. कफील पर एनएसए लगाने को चुनौती दी गई थी। डॉ कफील की मां नुजहत परवीन की ओर से बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की गई थी।
दरअसल, डॉ कफील पर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी को लेकर भड़काऊ भाषण देने के मामले में एनएसए के तहत कार्रवाई की गई थी। डीएम अलीगढ़ ने नफरत फैलाने के आरोप में डॉ. कफील पर एनएसए लगाया था. पिछले कई महीनों से कफील खान मथुरा जेल में बंद हैं। फैसला सुनाते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि अलीगढ़ डीएम की ओर से 13 फरवरी, 2020 को पारित आदेश (एनएसए की कार्रवाई) गैरकानूनी है. कफील खान को हिरासत में लेने की अवधि का विस्तार भी अवैध है. डॉ. कफील खान को तुरंत रिहा करने का आदेश जारी किया जाता है।

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