गुना : जिला अस्पताल के एसएनसीयू में नवजात की मौत पर डॉक्टर से झूमाझटकी

गुना। जिला अस्पताल में गुरुवार की रात 8 बजे परिजनों ने डॉक्टर से झूमाझटकी कर अभद्रता कर दी। परिजनों का आरोप था कि डॉक्टर की लापरवाही की वजह से ही उनके नवजात की मौत हुई है। मामला इतना बिगड़ा कि मौके पर सिटी कोतवाली पुलिस सहित सीएसपी को आना पड़ा। परिजनों को काफी समझाने के बाद ही यह मामला शांत हो सका। वहीं इस मामले को लेकर डॉक्टर ने कोतवाली में लिखित शिकायत दर्ज कराकर उनके साथ अभद्रता करने वाले परिजन पर कार्रवाई की मांग की है। हालांकि पुलिस सूत्रों का कहना है कि आरोपी पक्ष भी पुलिस विभाग से है, इसलिए पुलिस ने पूरे मामले को आपसी बातचीत से निपटा लिया है। वहीं कोतवाली थाना प्रभारी का कहना है कि अस्पताल में लगे सीसीटीव्ही फुटेज से मारपीट के कोई सबूत नहीं मिले हैंं।

जानकारी के मुताबिक जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में ड्यूटी डॉक्टर लखन धाकड़ से अभद्रता का मामला रात 8 से साढ़े 8 बजे के बीच का है। इसी समय डॉ धाकड़ की ड्यूटी चेंज हो रही थी। सिविल सर्जन डॉ हर्षवर्धन जैन के मुताबिक सुरेंद्र पाल की पत्नी की डिलेवरी गुरुवार को ही मेटरनिटी वार्ड में हुई थी। जन्म के बाद से ही बच्चे की हालत बेहद गंभीर थी, जिसकी जानकारी डॉक्टर द्वारा परिजनों को दे दी गई थी। बच्चे को सांस लेने में तकलीफ के कारण एसएनसीयू में भर्ती कर ऑक्सीजन लगा दी। इसी दौरान उसकी मौत हो गई। जानकारी लगते ही परिजन भडक़ गए, उनका आरोप था कि डॉक्टर ने ठीक ढंग से बच्चे का इलाज नहीं किया। जिसके कारण ही उनके बच्चे की मौत हुई है। घटना से गुस्साए बच्चे के पिता की पहले ड्यूटी डॉक्टर लखन धाकड़ से तीखी नोंकझोंक हुई। फिर वह डॉक्टर को कॉलर पकडक़र अभद्रता करते हुए अस्पताल चौकी तक ले गए। मामला बिगड़ता देख पुलिस को सूचना दी गई, जिसके बाद सिटी कोतवाली थाना प्रभारी तथा सीएसपी अस्पताल पहुंच गई। यहां उन्होंने परिजनों को समझाया तब जाकर मामला शांत हुआ। सिविल सर्जन का कहना है कि बच्चे का पिता सिपाही हैं, जो वर्तमान में लाइन अटैच हैं। इस घटना के बाद डॉ लखन धाकड़ ने कोतवाली में लिखित शिकायत दर्ज कराकर सुरेंद्र पाल पर मारपीट व अभद्रता के आरोप लगाए हैं। जिसके बाद पुलिस ने अस्पताल के कैमरों की रिकार्डिंग चैक की है। थाना प्रभारी के अनुसार फुटेज में कहीं भी मारपीट के सबूत नहीं मिले हैं, सिर्फ तीखी नोंकझोंक ही नजर आ रही है।

यह बोले जिम्मेदार
पैदा होने के बाद से ही बच्चे की हालत बेहद नाजुक थी। उसे सांस लेने तकलीफ हो रही थी। उसे एसएनसीयू में भर्ती कर ऑक्सीजन लगाया गया था। लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। इसी दौरान परिजन भडक़ गए और इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए डॉ लखन धाकड़ को कॉलर पकडक़र पुलिस चौकी तक ले आए। मामले में पीडि़त डॉक्टर ने कोतवाली में शिकायत की है।

-डॉ हर्षवर्धन जैन, सिविल सर्जन

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