अमेठी : सरकारी स्कूल पर ग्राम प्रधान का कब्जा, शिकायत के बावजूद प्रशासन मूकदर्शक

उत्तर प्रदेश के वीवीआईपी जनपद अमेठी से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है जहां पर जिले के जामो ब्लाक एवं थाना क्षेत्र अंतर्गत पूरे बोधी उपाध्याय में गांव के पूर्व ग्राम प्रधान के द्वारा उच्च प्राथमिक विद्यालय की बिल्डिंग को अपने कब्जे में ले लिया गया है ।

Government school occupied by gram pradhan : उत्तर प्रदेश के वीवीआईपी जनपद अमेठी से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है जहां पर जिले के जामो ब्लाक एवं थाना क्षेत्र अंतर्गत पूरे बोधी उपाध्याय में गांव के पूर्व ग्राम प्रधान के द्वारा उच्च प्राथमिक विद्यालय की बिल्डिंग को अपने कब्जे में ले लिया गया है । इस विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को बगल के प्राथमिक विद्यालय में शिफ्ट कर दिया गया है। जी हां आपको बता दें कि वर्ष 2009–10 में उच्च प्राथमिक विद्यालय बनने के लिए सरकार का प्रस्ताव पास हुआ था.

जिस पर सुल्तानपुर जनपद के तत्कालीन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मसीहुज्जमा सिद्दीकी ग्राम प्रधान के बीच एक सहमति बनी जिसमें ग्राम प्रधान के द्वारा अपनी जमीन पर उच्च प्राथमिक विद्यालय की बिल्डिंग बनाकर संचालित किए जाने की बात कही गई उसमें शर्त सिर्फ इतनी ही थी कि इसके स्थान पर जमीन का विनिमय होना था। जिसमें पूर्व प्रधान को उतनी जमीन सरकार के द्वारा उसी ग्राम सभा में कहीं आवंटित की जानी थी ।

Government school occupied by gram pradhan:-

लेकिन ग्राम प्रधान की जमीन पर उच्च प्राथमिक विद्यालय की बिल्डिंग तो बनकर तैयार हो गई और विद्यालय संचालित होने लगा किंतु उसके विनिमय की बात अधिकारियों एवं शासन की ओर से लंबित रही। ग्राम पंचायत का चुनाव होने के बाद ग्राम प्रधान चुनाव हार गए । इसके बाद उन्हें अपनी जमीन याद आई तब से वह लगातार शासन प्रशासन को लिखते रहे लेकिन उनकी उस जमीन के विनिमय में दूसरी जमीन उनको ना मिल सकी।

अंत में थक हार कर उन्होंने अपनी उसी जमीन को अपने कब्जे में कर लिया जिसमें उच्च प्राथमिक विद्यालय संचालित था। ऐसे में कोई कर भी क्या सकता था क्योंकि जमीन उन्हीं के नाम थी। जमीन पूर्व प्रधान की भूमि धरी होने के चलते प्रशासन भी चुप रहा और बीएसए साहब ने उच्च प्राथमिक विद्यालय को बगल के प्राथमिक विद्यालय में अटैच कर दिया और वहीं पर संचालित होने लगा । ऐसे में आप देख सकते हैं कि उच्च प्राथमिक विद्यालय की बिल्डिंग को बांस बल्लीयों के सहारे घेर कर बंद कर दिया गया है और ग्राउंड पर जुताई करा दी गई है।

बीएसए महोदय   का बयान :-

इस मामले में जब जिले के बीएसए महोदय से बात की गई तब वह कैमरे के सामने से बचते नजर आए उन्होंने इस मामले पर किसी भी तरह की कोई टिप्पणी करने से साफ तौर पर इंकार कर दिया। फिलहाल सूत्रों के हवाले पता चला है कि मामला उच्चाधिकारियों से लेकर शासन तक संज्ञान में है बीएसए साहब के द्वारा पूर्व ग्राम प्रधान के खिलाफ स्थानीय थाने में तहरीर प्रदान की गई थी किंतु अभी तक उस पर मुकदमा नहीं दर्ज हो सका है।

वहीं पर पूर्व ग्राम प्रधान का कहना है कि हमारे घर में बड़ा परिवार होने के चलते और लोगों को रहन-सहन में समस्या खड़ी हो रही है और आय का साधन कुछ भी नहीं है ऐसे में अब हम इस जमीन को नहीं छोड़ेंगे। ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर बगैर किसी ठोस लिखा पढ़ी के शासन प्रशासन के द्वारा कैसे किसी की जमीन पर लाखों रुपए खर्च कर बिल्डिंग का निर्माण करवा दिया गया यदि पूर्व ग्राम प्रधान के द्वारा वह जमीन विनिमय के बावजूद भी नहीं छोड़ी जाती तब इस लाखों की बिल्डिंग का क्या होगा?

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