बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि ने तोड़ी उत्तर प्रदेश के किसानो की कमर ! सरकार से की ये गुजारिश…

भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहां पर 70% किसान निवास करते हैं और खेती करते हैं। यहां पर अनिश्चितता ओं की खेती होती है क्योंकि न तो न तो किसानों की लागत निश्चित है और ना मेहनत निश्चित है और ना मेहनत निश्चित है भारत में किसानों की खेती हमेशा दैवीय कृपा पर ही निर्भर करती है। ऊपर वाले की यदि कृपा बरसती है तो असिंचित की खेती कम लागत में हो जाती है। किंतु ऊपर वाले का प्रकोप होने पर किसानों की मेहनत के साथ लगाई गई जमा पूंजी भी डूब जाती है। ऐसा ही इस बार कल ही देखने को मिला है। जहां पर अचानक मौसम ने करवट बदली और मार्च के महीने में जमकर बारिश हुई तथा ओले गिरे जिससे किसानों की फसलें पूरी तरह चौपट हो गई।

ऐसे में अब किसानों के पास कोई उम्मीद नहीं बची है। हालांकि सरकार ने प्रशासन को निर्देशित किया है कि वह फसलों से हुए नुकसान की सूचना संग्रह कर शासन तक भेजे। किंतु ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या किसानों के फसलों से पैदा होने वाले अनाज की कीमत मिल पाएगी अथवा सहायता के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति होकर रह जाएगी। यह तो आने वाला समय ही बताएगा। बारिश तथा ओलावृष्टि से हुए नुकसान का जायजा लेने जब मीडिया टीम अमेठी तहसील क्षेत्र के पिंडोरिया ग्रामसभा पहुंची तो वहां के किसानों ने कैमरे के सामने अपने दर्द को बयां किया।

उन्होंने बताया कि हमारा सब कुछ खत्म हो चुका है। गेहूं के साथ-साथ सरसों की फसल पूरी तरह नष्ट हो चुकी है। अब इसमें ना के बराबर उत्पादन होगा। ऐसे में अब साल भर की गृहस्ती और घर का खर्च चलाना बहुत ही मुश्किल का काम है। ऊपर से हम लोगों ने किसान क्रेडिट कार्ड से लोन लेकर फसलों में लगाया था और फसलों की हालत इस तरह से हो गई है। अब हम लोग किसान क्रेडिट कार्ड का कर्ज कैसे चुकाएंगे। अगर सरकार के द्वारा हम लोगों को कुछ सहायता राशि मिल जाएगी तो निश्चित रूप से हम लोगों को बड़ी राहत मिलेगी, लेकिन हम लोगों की सरकार से गुजारिश है कि फसलों की तबाही को देखते हुए सरकार किसान क्रेडिट कार्ड के लोन को माफ कर देना चाहिए।

Related Articles

Back to top button