कोयले की कमी से एक फिर बढ़ा बिजली संकट का खतरा, बस इतने दिन का बचा स्टॉक

कोयले की कमी पैदा हुई बिजली संकट की समस्या, इन राज्यों को लगेगा सबसे बड़ा झटका

लखनऊ: अखिल भारतीय बिजली इंजीनियर महासंघ (एआईपीईएफ) ने देशभर के कोयला आधारित बिजली उत्पादन संयंत्रों में कोयले की पर्याप्त आपूर्ति नहीं होने से आने वाले समय में बिजली संकट पैदा होने की आशंका जताई जा रही है. जानकारी के मुताबिक कि देशभर में चल रहे कोयले व बिजली की स्थिति की खबरों के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज यानी मंगलवार को दिल्ली में ऊर्जा मंत्री आरके सिंह, कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ बैठक की है.

गर्मी बढ़ने के साथ बिजली की बढ़ी मांग

एआईपीईएफ ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि गर्मी बढ़ने के साथ ही देश के अधिकांश राज्यों में बिजली की मांग बढ़ गई है लेकिन कोयले से चलने वाले थर्मल पावर प्लांट्स को जरूरी मात्रा में कोयला नहीं मिल पा रहा है. इसकी वजह से बिजली की मांग और आपूर्ति के बीच के फासले को कम करने के लिए कई राज्यों को दिक्कतें हो रही हैं.

यहां गंभीर स्थिति में है कोयले का भंडार

अखिल भारतीय बिजली इंजीनियर महासंघ के प्रवक्ता वीके गुप्ता ने कहा कि थर्मल पावर प्लांट्स को कोयले की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित ना किए जाने पर देश को बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है. बयान में केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) की दैनिक कोयला रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया है कि घरेलू कोयले का इस्तेमाल करने वाले कुल 150 थर्मल पावर स्टेशनों में से 81 में कोयले का भंडार काफी गंभीर स्थिति में हैं. प्राइवेट थर्मल पावर प्लांट्स की स्थिति भी उतनी ही खराब है, जिनके 54 में से 28 प्लांट में कोयले का भंडार गंभीर स्थिति में हैं.

जानें किन राज्यों में हैं सबसे खराब हालात?

एआईपीईएफ के बयान के अनुसार, देश के उत्तरी इलाके में सबसे ज्यादा खराब स्थिति राजस्थान व उत्तर प्रदेश की है. राजस्थान में 7,580 मेगावॉट क्षमता वाले सभी सातों थर्मल प्लांट्स के पास बहुत कम स्टॉक बचा है. उत्तर प्रदेश में भी अनपरा प्लांट को छोड़कर 3 सरकारी प्लांट्स में कोयला स्टॉक की स्थिति गंभीर बनी हुई है.

जानें कितना बचा है कोयले का स्टॉक?

वहीं पंजाब के राजपुरा प्लांट में 17 दिनों का कोयला भंडार बचा है जबकि तलवंडी साबो प्लांट के पास 4 दिन का स्टॉक है. वहीं जीवीके प्लांट के पास कोयले का स्टॉक खत्म हो चुका है. बयान के मुताबिक, हरियाणा में यमुनानगर प्लांट में 8 दिन और पानीपत प्लांट में 7 दिन का स्टॉक है. खेदार बिजली प्लांट में सिर्फ एक यूनिट के ही एक्टिव रहने से 22 दिनों का स्टॉक बचा हुआ है.

एआईपीईएफ के मुताबिक, देश की उत्तरी राज्यों में शाम के समय 2,400 मेगावॉट बिजली की कमी दर्ज की जा रही है. इसमें यूपी से 1,200 मेगावॉट व हरियाणा से 600 मेगावॉट की कमी रिकॉर्ड की गई है. केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने अगले कुछ महीनों में बिजली की मांग चरम पर होने की स्थिति में कोयले का पर्याप्त स्टॉक बनाए रखने के लिए 10 प्रतिशत तक मिश्रण के लिए कोयला विदेश से मंगाने की सिफारिश की जा रही है.

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