महराजगंज : भारत-चीन युद्ध में शहीद हुए शेरे थापा को परमवीर चक्र देने की मांग

महराजगंज : भारतीय सेना टू जैक राइफल में तैनात हवलदार शेरे थापा ने भारतीय सीमा में घुसपैठ कर रहे चीनी सेनाओं से युद्ध करते हुए अकेले ही धूल चटा दी थी। वहीं लड़ते-लड़ते 18 नवंबर को वीरगति को प्राप्त हुए। ऐसे वीर सपूत को ना कोई चक्र मिला और ना ही कोई सम्मान। जिसको लेकर गोरखा भूतपूर्व सैनिकों ने सरकार से बलिदानी शेरे थापा को परमवीर चक्र समर्पित करने की मांग की है। भारत-नेपाल के जिलाध्यक्ष व भूतपूर्व सैनिक मनोज कुमार राना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को एक ऑनलाइन शिकायती पत्र भेजा है।

जिसमें उन्होंने बताया है कि 27 दिसंबर 1928 को नेपाल में जन्मे हवलदार शेरे थापा एक जनवरी 1957 में भारतीय सेना टू जैक राइफल बॉडी गार्ड बटालियन में भर्ती हुए और उनकी तैनाती अरुणाचल के ताम चुंग चाइना बार्डर पर की गई। 18 अक्टूबर 1962 भारत-चीन युद्ध में लड़ते हुए अकेले चाइना पीपुल्स लिब्रेशन सेना के अफसर सहित 160 चीनी सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया। वहीं चीनी सेना से लड़ते-लड़ते 18 नवंबर 1962 को शहीद हो गए।

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