दिल्‍ली महिला आयोग ने बिहार के प्रेमी जोड़े को ऑनर किलिंग से बचाया

नई दिल्ली। दिल्ली महिला आयोग ने बिहार से एक प्रेमी जोड़े को ऑनर किलिंग से बचाया। आयोग को लड़के ने अक्टूबर माह में ईमेल के ज़रिए शिकायत भेजी और बताया कि वो और बिहार की रहने वाली लड़की सुनीता (बदला हुआ नाम) एक दूसरे से प्रेम करते हैं और वो इंदिरापुरम में साथ में रह रहे थे। सुनीता के पिता को पता लगते ही उसके परिवार वाले सुनीता को इंदिरापुरम से वापिस बिहार लेकर चले गए हैं। जब शिकायतकर्ता से लड़की की जानकारी मांगी तो उसने बताया कि लड़की से उसकी आखिरी बार बात कुछ समय पहले हुई थी और उसके बाद से उसका फोन बन्द है। लड़की ने उसे बताया था कि उसे भगवती स्थान मंदिर के पास किसी जगह पर रखा गया है। इसके अतिरिक्त लड़के के पास लड़की कि कोई जानकारी नहीं थी। आयोग ने मामले को तुरंत संज्ञान में लेते हुए बिहार पुलिस से संपर्क किया, जिसपर पुलिस ने बताया कि केवल भगवती स्थान मंदिर की जानकारी के ज़रिए लड़की की तलाश बहुत मुश्किल है।
इसके बाद आयोग कि सदस्या फिरदौस खान ने मधुबनी जिले के एसएसपी से संपर्क किया और उन्हें कहा कि भगवती स्थान मंदिर के पास रहने वाले लड़की के पिता की तलाश करें। कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने लड़की को पंडोल क्षेत्र से खोज निकाला। पंडौल के एसएचओ ने बताया कि लड़की की जान को खतरा है क्योंकि लड़की के परिवार वाले और साथ ही कुछ धार्मिक संगठन उन्हें मारना चाहते हैं। आयोग ने संबन्धित जिलाधिकारी से बात की और लड़की को पटना के शेल्टर होम में रखवाया गया। इसके बाद बिहार पुलिस ने लड़की को दिल्ली लाने का प्रबंध किया तो खतरे का अंदेशा देखते हुए एक बार दिल्ली लाने का प्रयास असफल रहा।
इसके बाद लड़की को कुछ दिन बाद ट्रेन के ज़रिए दिल्ली लाया गया। लड़की और लड़के को दिल्ली में दिल्ली महिला आयोग में ही मिलवाया गया और कोर्ट में उनकी सुरक्षा के लिए महिला आयोग द्वारा लड़की से अर्जी डलवायी गई। कोर्ट ने दोनों को सुरक्षा मुहैया करवाने के लिए दिल्ली पुलिस को निर्देश दिए और अब दोनों साथ में खुशी से रह रहे हैं और जल्द विवाह करने वाले हैं। वहीं दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाति मालीवाल ने कहा, “दिल्ली महिला आयोग की सक्रियता की बदौलत दो प्यार करने वाले एक हो पाए। दोनों की जान को लगातार खतरा बना हुआ था, लड़की के माता पिता और कुछ धार्मिक संगठन उन्हें जान से मारना चाहते थे, हमने बिहार पुलिस के साथ मिलके उन्हें रेस्क्यू करवाया और दिल्ली लाके उन्हें सुरक्षा भी दिलवाई।

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