रक्षा मंत्री राज नाथ सिंह ने शुरू किया ​डिफेंस इंडिया स्टार्टअप चैलेंज-4

नई दिल्ली : रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को डिफेंस इंडिया स्टार्टअप चैलेंज-4 की शुरुआत की और इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट एप्रोच की गाइडलाइंस जारी की। उन्होंने इस मौके पर रक्षा क्षेत्र को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने के लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी पर जोर दिया। कार्यक्रम में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हिस्सा लिया।
 
उन्होंने कहा कि यह पहल हमारी सेनाओं के भविष्य में नए क्रांतिकारी परिवर्तन लाएगी। भारतीय स्टार्ट-अप हमारी सेनाओं के आधुनिकीकरण और हमारी आत्मनिर्भरता में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। हमने इस संबंध में कुछ नीतिगत निर्णय भी लिए हैं। निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, 74 प्रतिशत एफडीआई अनुमोदन और हाल ही में जारी की गई 101 वस्तुओं की नकारात्मक सूची इसका एक हिस्सा है। हम निजी क्षेत्र को देश के उत्पादों के निर्माण के लिए प्रोत्साहित करना चाहते हैं।​ हमारे देश में न प्रतिभा की कमी है और न ही प्रतिभा की मांग की कमी है। किसी सामान्य मंच के अभाव में इन दोनों का ही मिलान नहीं हो पाता था। ‘आईडेक्स का प्लेटफॉर्म इस कमी को पूरा करने में सफल हुआ है। यह प्रयास उद्योगों को भी नवाचार, अनुसंधान और विकास की एक मज़बूत नींव प्रदान करता है।
 
रक्षामंत्री ने कहा कि तेजी से बदल रही दुनिया में प्रौद्योगिकी के प्रयोग और प्रभाव से हम भली-भांति परिचित हैं। इसके कारण देश-दुनिया के सभी क्षेत्रों में परिवर्तन आ रहा है। रक्षा क्षेत्र में तो इसका और भी महत्व है। रक्षा क्षेत्र को और अधिक सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के क्रम में हमने यह अच्छी तरह समझा है कि इसमें सरकारी क्षेत्र के साथ-साथ निजी क्षेत्र की भागीदारी भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। अब तक ​डीआईएससी के तीन दौर में 700 से भी अधिक स्टार्ट-अप और इनोवेटर्स ने अपनी सहभागिता दर्ज की है, जिसमें से 58 प्रतिभागी, प्रोटोटाइप और रिसर्च किकस्टार्ट के लिए समर्थन के तहत नवाचार अनुदान के तहत चयनित किए गए हैं। मैं आशा करता ​हूं कि भविष्य में हमारी सेनाओं द्वारा सामना की जा रही चुनौतियों के लिए, नए और अभिनव समाधान हमारे सामने आएंगे।
 

 

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