गोरखपुर : रहस्यमय ढंग से गायब CRPF जवान का 55 दिन बाद मिला शव ,शहीद के परिजनों ने मुख्यमंत्री को घर बुलाने कि की मांग

चौरी चौरा के गौनर गांव में शहीद सीआरपीएफ जवान का पार्थिव शरीर शुक्रवार को आने पर श्रद्धांजलि देने पहुंचे सांसद कमलेश पासवान, विधायक संगीता यादव, एसडीएम अर्पित गुप्ता, सीओ रचना मिश्रा, इंस्पेक्टर राजू सिंह, पूर्व प्रमुख ईश्वरचंद जायसवाल, चरगांवा प्रमुख सुनील पासवान सहित सैकोड़ो क्षेत्र के लोग उपस्थित रहे। उसके बाद शहीद के पार्थिव शरीर को गोरखपुर के राजघाट के लिए ले जाया गया।जहाँ शहीद के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया जाएगा ।

गौरतलब है की सीआरपीएफ जवान धर्मदेव पासवान ड्यूटी पर ही उड़ीसा में अपने हेडक्वार्टर से रहस्यमय ढंग से गायब हो गए थे।55 दिन बाद रामगड़ा स्थित सीआरपीएफ के हेडक्वार्टर से 15 किमी की दूरी पर जवान का शव झाड़ियों में मिला था।जवान की नक्सलियों द्वारा हत्या किए जाने की संभावना है।शहीद का शव चौरी चौरा में पहुचते ही राजनीतिक दलों के साथ साथ स्थानीय जनता व शासन प्रशासन के लोग पीड़ित परिवार के लोगो से मिलकर सान्त्वना दिया।दोपहर को शहीद के घर पर हजारों की संख्या के लोग एकत्रित हुए।शहीद के पार्थिव शरीर के साथ अंतिम यात्रा निकाली गई।इस अवसर पर भारत माता की जय के नारे भी लगाए है।शहीद अपने पीछे तीन बच्चियों व एक लड़के को अपने पीछे छोड़कर शहीद हो गए।शहीद के पत्नी ,बच्चों व आसपास के लोगो ने एक स्वर में यूपी के मुख्यमंत्री सीएम योगी आदित्यनाथ पीड़ित परिवार से मिलने की करते हुए पीड़ित परिवार को सहायता राशि व लड़के को नौकरी की बात की है।आगे शहीद धर्मदेव पासवान के नाम पर शहीद स्थल बनवाने की मांग की गई है।शहीद जवान की पत्नी ने बताया कि अंतिम बार 29 दिसम्बर को फोन पर बात हुई थी।उसके बाद वहाँ से विभागीय लोगो का फोन आने के बाद मेरे परिवार के लोग उड़ीसा गए थे।लगातार जंगल जंगल ढूढ़ा जा रहा था।लगभग 55 दिन बाद की सूचना आई।शहीद धर्मदेव मूलरूप से देवरिया के एकौना के पचौली वटलिया के निवासी थे। वह 1991 में सीआरपीएफ बटालियन बी कम्पनी रामगडा उड़ीसा मे कांस्टेबल पद पर भर्ती हुए थे। घटना से पहले वह हवलदार पद पर तैनात थे। धर्मदेव अपने पांच भाईयों में सबसे छोटे थे। उनकी शादी चौरीचौरा क्षेत्र के गौनर रमदसहा हुई थी। उसी दौरान उन्होंने ससुराल में जमीन खरीद कर मकान बनवा लिया था। शहीद का पूरा परिवार रमदसहा में ही रहता है।

इस पर बोलते हुए शहीद धर्मदेव पासवान की बड़ी बेटी रिंकी ने बताया कि मेरे पिता का शव झड़ियो में उनके हेडक्वार्टर से 15 किमी की दूरी पर मिला था।जिसकी सूचना स्थानीय मीडियाकर्मियों ने दी थी।हालांकि शव कंकाल के रूप में था।लेकिन मौके पर मिले आई कार्ड व अन्य साक्ष्य के आधार पर शव की शिनाख्त की गई।मैं अध्यापक बनाना चाहती हूँ।मेरी मांग है कि सीएम योगी आदित्यनाथ मेरे घर आये।मेरे पिता को शहीद का दर्जा दिया जाय।मेरे शहीद पिता के नाम पर क्षेत्र में कुछ ऐतिहासिक स्थल बनाया जाय।शहीद की बेटी ने आगे विभागीय लोगो पर लापरवाही का आरोप लगाया है।कहा ठीक ढंग से जाच नही की गई।

सीआरपीएफ जवान के पार्थिव शव को लेकर चौरी चौरा पहुचे अधिकारी ने बताया कि बस से उनको बैठकर हेडक्वार्टर के लिए भेजा गया था।इसी बीच वह गायब हो गए।गहनता से उनको ढूढ़ा जा रहा था।

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