प्रयागराज माघ मेले में कोरोना प्रोटोकॉल का नहीं हो रहा पालन

प्रयागराज, वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण के बीच प्रयागराज माघ मेला में पुलिस सुरक्षा व्यवस्था भले ही

चाकचौबंद है.

लेकिन कोरोना प्रोटोकॉल और “दो गज की दूरी- मास्क है जरूरी” ध्वस्त नजर आ रही है।

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने श्रद्धालुओं को कोरोना गाइडलाइन का पालन कराते हुए स्नान कराने की पूरी तैयारी की है

लेकिन त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाने वाले गृहस्थ एवं साधु-सन्यासी मेला क्षेत्र में बिना माॅस्क लगाए ही भ्रमण कर रहे हैं।

हालांकि सुरक्षा को लेकर पुलिस की चाकचौंबद व्यवस्था है।

पुलिस के जवान कोरोना से बचने के लिए लोगों से मास्क

लगाने की हिदायद देते देखे गये।

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नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन के माघ मेले में गंगा नदी को प्रदूषण मुक्त करवाने के साथ स्वच्छ एवं पर्याप्त जल प्रवाह

सुनिश्चित करवाने और कोविड-19 और बर्ड फ्लू से बचाव के लिए विशेष सतर्कता बरतने आदि को लेकर दिए गये निर्देश

के बावजूद कोरोना वायरस से बेखौफ दिखायी दी श्रद्धालुओं की आस्था।

बदइंतजामी की स्थिति और प्रदूषित गंगा में श्रद्धालुओं को मकरसंक्रांति पर्व पर आस्था की डुबकी लगानी पड़ी।

जगह.जगह गंदगी और खुले में शौच करने के लिए लोगों को मजबूर होना पड़ रहा है।

गंगा में स्नान के लिये अविरल और निर्मल जल का प्रवाह दिखलाई नहीं पड़ता।

जगह-जगह गंगा में बालू के टीले दिखलाई पड रहे हैं।

गौरतलब है कि नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ने मंगलवार को लखनऊ में समीक्षा बैठक कर माघ मेले में

कल्पवासियों को हर संभव सुविधा प्रदान करने का निर्देश दिया था।

उन्होंने माघ मेले में कोविड.19 और बर्ड फ्लू से बचाव के लिए विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए थे।

श्रद्धालुओं की सुरक्षा तथा भीड़ प्रबंधन को लेकर अधिकारियों को जरूरी निर्देश भी दिए।

उन्होने कहा कि रेलवे और बस स्टेशन पर शारीरिक दूरी के मानकों को ध्यान में रखकर पर्याप्त द्वारों से प्रवेश और निकासी सुनिश्चित की जाए।

गंगा नदी को प्रदूषण मुक्त करवाने के साथ स्वच्छ एवं पर्याप्त जल प्रवाह सुनिश्चित करवाए जाएं।

मेला क्षेत्र में शुद्ध पेयजल से लेकर ड्रेनेज की समुचित व्यवस्था हो।

श्रद्धालुओं की सुरक्षा तथा भीड़ प्रबंधन को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए। प्रदूषित पानी को गंगा में नहीं छोड़ा जाए।

विभिन्न जिलों के टेनरी उद्योगों और नाले के गंदे पानी के उत्प्रवाह को गंगा नदी में प्रवाहित होने से रोकने के निर्देश दिए।

रेलवे और बस स्टेशन पर सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए पर्याप्त द्वारों से प्रवेश और निकासी सुनिश्चित करवाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए।

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