महाराष्ट्र में तख्तापलट पर इस तरह मचली कांग्रेस, बीजेपी-एनसीपी पर किया हमला !

महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर उथल पुथल मची हुई है। बीजेपी द्वारा सरकार गठन के बाद शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी में भारी हलचल है। जहाँ एनसीपी अपने विधायकों से पार्टी के लिए वफादारी की उम्मीद कर रही है, वहीँ शिवसेना ने भी अपने विषयक दल की बैठक बुलाई है। दूसरी तरफ कांग्रेस भी बीजेपी पर गुस्सा तो एनसीपी से नाराज़ दिखाई दे रही है।

अजित पवार के बीजेपी को समर्थन देने के बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने शनिवार शान साढ़े चार बजे अपने विधायकों की बैठक बुलाई थी। लेकिन बैठक में साढ़े पांच बजे तक प्रफ्फुल पटेल और धनञ्जय मुंडे के साथ इक्के दुक्के विधायक ही वाईबी सेंटर पहुंचे। वहीँ एनसीपी के नेता सुनील टटकारे, दिलीप वालसे पाटिल और हसन मसरीफ अजीत पवार से मिलने गए हैं। दूसरी तरफ, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने ललित होटल में अपने विधायक दल के साथ बैठक की।

काली स्याही से लिखी जाएगी घटना, बोले अहमद

इस बीच शनिवार सुबह से ही कांग्रेस नेताओं के अलग अलग बयान आ रहे हैं। एक तरफ महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने प्रेस कांफ्रेंस कर बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ना बैंड, ना बाजा, ना बारात और सीएम और डिप्टी सीएम ने शपथ ले ली। ये घटना काली स्याही से लिखी जाएगी। बिना किसी जांच के शपथ दिलाई गई है। कहीं ना कहीं कुछ गड़बड़ है। अहमद पटेल ने कहा कि बेशर्मी की सारी सीमाएं पार दी गई हैं।

सुरजेवाला ने भी उठाये सवाल

वहीँ कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी प्रेस कांफ्रेंस की। उन्होंने बीजेपी पर तीखा हमला करते हुए पार्टी से 10 निम्नलिखित सवाल पूछे।
-किसने दावा पेश किया?
-दावे पर कितने हस्ताक्षर हैं?
-हस्ताक्षर कब प्रमाणित हुए?
-कैबिनेट की सिफारिश राष्ट्रपति को कब की गई?
-कैबिनेट की बैठक कब हुई?
-राष्ट्रपति ने सिफारिश कब स्वीकार की?
-राज्यपाल ने शपथ के लिए देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार को किस पत्र द्वारा शपथ के लिए बुलाया।
-इन्हें शपथ के लिए कितने बजे बुलाया गया। इस मौके पर प्रबुद्ध नागरिकों, राजनीतिक दलों के नेताओं, मुख्य न्यायधीश को क्यों नहीं बुलाया गया जैसी कि परंपरा है।
-राज्यपाल ने अब तक क्यों नहीं बताया कि फडणवीस सरकार को बहुमत कब तक साबित करना है। +सवाल है कि लोकतंत्र का चीरहरण कबतक जारी रहेगा।

खुश नहीं हैं संजय निरुपम

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जो कुछ भी महाराष्ट्र में हुआ ये विश्वासघात नहीं तो क्या है। ये सब साबित करता है कि मोदी है तो मुमकिन है। वहीँ अजित पवार को उन्होंने अवसरवादी बताया। इसके अलावा कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने कहा, ‘लोग सोच रहे होंगे कि मैं आज के घटनाक्रम से काफी खुश हूं, लेकिन वास्तव में मैं बहुत दुखी हूं। इसमें कांग्रेस को अनावश्यक रूप से बदनाम किया गया और शिवसेना के साथ गठबंधन की सोच एक गलती थी। मैं सोनिया जी से अपील करता हूं कि वह सबसे पहले कांग्रेस कार्यसमिति को खत्म कर दें।’

जिसका राज्यपाल, उसकी सरकार

कांग्रेस का कहना है कि शरद पवार ने शिवसेना के साथ बातचीत में देरी की। पवार कहते रहे कि बातचीत के लिए जल्दबाजी दिखाने की जरूरत नहीं है। कांग्रेस का कहना है कि पवार ने उन्हें शिवसेना से बातचीत के लिए मुंबई दौरा देर से करने को कहा। वहीँ समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने इस घटनाक्रम को लेकर कहा है कि अब लगता है कि जिसका राज्यपाल, उसकी सरकार।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र में इस तख्तापलट को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी पर महाराष्ट्र में देर रात गंदा खेल खेलने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राज्यपाल राजनीतिक दलों से ऊपर होते हैं। वह संविधान की शपथ लेते हैं। गहलोत ने राष्ट्रपति से हस्तक्षेप करने और जल्द शक्ति परीक्षण कराने की मांग की। इसके अलावा महाराष्ट्र के कांग्रेस विधायकों के जयपुर पहुंचने की बात पर अशोक गहलोत ने कहा कि मैं कांग्रेस के विधायकों का राजस्थान में स्वागत करता हूँ।

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