कोरोना के बीच ब्लैक फंगस बीमारी बढ़ा रही चिन्ता, गहलोत ने केन्द्र से की रिसर्च करवाने की मांग

जयपुर. कोरोना महामारी (Corona epidemic) के बीच तरह-तरह के खतरे सरकारों की चिन्ता बढा रहे हैं. कोरोना से ठीक हो रहे मरीजों में म्यूकरमाइकोसिस (Mukermycosis) नामक बीमारी ने सरकारों को चिन्ता में डाल दिया है. राजस्थान समेत देश के कई राज्यों में इस बीमारी के मामले सामने आए हैं. कोरोना से ठीक हुए डायबिटीज के रोगियों में यह बीमारी अधिक हो रही है.

इसमें पीड़ित व्यक्ति को जहां आंखों की रोशनी से हाथ धोना पड़ रहा है वहीं उनके जबड़े को निकालने तक की नौबत आ रही है. प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी इसे लेकर चिन्ता जाहिर की है. सीएम गहलोत ने ट्वीट कर कहा है कि कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों में म्यूकरमाइकोसिस यानि ब्लैक फंगस के मामले सामने आना बहुत चिन्ताजनक है.

रिसर्च करवाई जानी चाहिए
सीएम गहलोत ने मांग की है कि भारत सरकार को इस बीमारी को गंभीरता से लेते हुए इसकी रोकथाम के लिए रिसर्च करवानी चाहिए. सीएम ने अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री और केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को टैग करते हुए लिखा है कि इस बीमारी की रोकथाम में काम आने वाली जरुरी दवाइयों और इंजेक्शन जैसे एम्फोटिसिरिन की व्यवस्था भी कर लेनी चाहिए. सीएम ने कहा कि यह इसलिए जरुरी है ताकि इनकी कमी ना हो.
केन्द्र और राज्य सरकार के बीच तकरार जारी है

गौरतलब है कि कोरोना के दौरान ऑक्सीजन और दवाइयों की कमी को लेकर केन्द्र और राज्य सरकार के बीच तकरार जारी है. ऑक्सीजन, वैक्सीन और वेंटिलेटर्स को लेकर गहलोत सरकार लगातार केन्द्र सरकार पर भेदभाव करने का आरोप लगा रही है. इस बीच गहलोत ने इस नई बीमारी को लेकर केन्द्र सरकार को आगाह किया है.

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