भाजपा की संकीर्ण मानसिकता के चलते गहराया कोरोना संकट : अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा की संकीर्ण मानसिकता और विद्वेष से भरी विभाजनकारी नीतियों के चलते जहां देश में कोरोना संकट गहराया है और अर्थव्यवस्था रसातल पर पहुंच गई है वहीं विदेश नीति की विफलताओं के कारण सीमाएं असुरक्षित हुई हैं और पड़ोसी देशों से रिश्ते बिगड़े हैं। भाजपा सरकार का सत्ता में बने रहना देश की सुरक्षा और प्रगति के लिए नुकसान देह और घातक हो चला है।

उन्होंने कहा कि सरकार की विफल विदेश नीति के कारण नेपाल से भारत के विरोध में स्वर उठने लगे है। स्थिति यहां तक आ गई है कि नेपाल के प्रधानमंत्री नेपाली संसद में भारत विरोधी बयान दे रहे हैं। नेपाल भारतीय क्षेत्रों पर अपने अधिकार के नक्शे जारी कर रहा है। नेपाल भारत का विश्वासपात्र और सबसे पुराना साथी रहा है। भाजपा की नीतियों से वह हमसे दूर चला गया है। चीन हमारा पुराना प्रतिद्वंदी राष्ट्र है। नेपाल में उसके प्रभाव को रोकने में भाजपा सरकार की विफलता भारत पर भारी पड़ रही है।

अखिलेश यादव ने कहा कि कोरोना संकट से निबटने में प्रधानमंत्री जी ताली-थाली बजवाकर और दिए जलवाकर भी कोई चमत्कार नहीं कर पाए हैं। देश में अव्यवस्था के इस दौर में भाजपा कमजोर लोगों पर अत्याचार करने से नहीं चूक रही है। गरीब मजदूरों के साथ दुव्र्यवहार हो रहा है। मुफ्त यात्रा प्रबन्धन के दावों के बावजूद दलाल बेबस इंसानों को लूटने में लगे हैं। मजबूर मजदूरों को घर तक न पहुंचाने के लिए तरह-तरह के बहाने गढ़े जा रहे हैं। भाजपा की राजनीति षडयंत्रकारी रीतिनीति में बदल रही है।

इसी के साथ उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार को कोरोना से बचने और बीमारी के विस्तार पर नियंत्रण करने के लिए अधिक से अधिक टेस्टिंग करने चाहिए। इसके बजाय जो कोरोना संक्रमित हो जाते हैं उनके साथ उपेक्षापूर्ण एवं अछूत जैसा व्यवहार होता है। उनके विरूद्ध एफआईआर दर्ज करना और नफरत फैलाना अनावश्यक एवं आपत्तिजनक है। सरकार को बीमारी पर नियंत्रण करना चाहिए तथा सद्भावपूर्ण व्यवहार कर प्रभावित व्यक्ति के प्रति सहानुभूति प्रदर्शित करनी चाहिए। सरकार अपनी नाकामयाबी को छिपाने के लिए अराजकता पैदा कर रही है।

अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कोराना के सम्बंध में हजारों एफआईआर दर्ज होने लगी हैं। इसके पीछे कोई चिकित्सकीय कारण नहीं बल्कि अपराधिक समस्या होने जैसी बात लगती है। क्वारंटाइन सेंटरों की बदहाली और उनके प्रति भाजपा सरकार की भेदभावपूर्ण नीति के चलते लोग यहां जाने से डर रहे है। आवश्यक चिकित्सकीय सुरक्षा के अभाव में डाक्टर नर्स और दूसरे स्वास्थ्यकर्मी भी संक्रमित हो रहे हैं। भाजपा का अपना संकीर्ण दृष्टिकोण नहीं बदलेगा तो प्रदेश के हालात सुधरने के बजाय और ज्यादा बिगड़ते जाएंगे।

Related Articles

Back to top button