दिल्ली बॉर्डर पर केजरीवाल का बड़ा फैसला, कल से खोले जाएंगे दिल्ली के सभी बॉर्डर

राजधानी दिल्ली में पिछले दिनों बॉर्डर को लेकर विवाद छिड़ा हुआ था। दिल्ली सरकार ने 1 सप्ताह के लिए दिल्ली के सभी बॉर्डर को सील कर दिया था। लेकिन अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह कहा है कि दिल्ली के बॉर्डर खोल दिए जाएंगे। कल से (सोमवार) दिल्ली के बॉर्डर खोल दिए जाएंगे। यानी अब नोएडा, गुड़गांव और गाजियाबाद से लोग आसानी से दिल्ली में प्रवेश कर सकेंगे।

इसी के साथ सीएम केजरीवाल ने यह तय किया है कि वह प्राइवेट अस्पताल जिनमें स्पेशल सर्जरी की जाती है। वह सभी के लिए खुले रहेंगे, लेकिन दिल्ली सरकार के अस्पताल और प्राइवेट अस्पतालों में दिल्ली वालों का इलाज किया जाएगा। अरविंद केजरीवाल ने इस दौरान कहा कि दिल्ली वालों ने कभी अपने देश के लोगों के लिए इलाज करने से मना नहीं किया। किसी भी वक्त दिल्ली में लगभग 60 से 70% मरीज दिल्ली के बाहर से, देशभर से लोग आए हुए होते हैं। हमने इलाज ने लिए कभी मना नहीं किया। लेकिन इस समय दिल्ली खुद बहुत बड़ी समस्या में है। दिल्ली में कोरोना के केस तेजी से बढ़ रहे हैं। उसके इंतजाम के लिए दिल्ली सरकार बेड का इंतजाम कर रही है।

ऐसी स्थिति में अगर हमने दिल्ली के अस्पताल पूरे देश के लोगों के लिए खोल दिए तो दिल्ली के लोगों को अगर कोरोनावायरस होगा तो वह कहां जाएंगे ? इस पर जनता से राय मांगी थी और लगभग साढ़े सात लाख लोगों ने अपने सुझाव भेजे और 90% से ज्यादा लोगों का यही कहना है कि जब तक दिल्ली में कोरोना है तब तक दिल्ली के अस्पताल केवल दिल्ली वालों के लिए रिजर्व होने चाहिए। इसके बाद दिल्ली सरकार ने 5 डॉक्टरों की कमेटी बनाई। इसमें आईपी यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ महेश वर्मा, GTB हॉस्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर डॉसुनील कुमार, दिल्ली मेडिकल काउंसिल के अध्यक्ष डॉ अरुण गुप्ता, दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ आर के गुप्ता, मैक्स हेल्थ केयर के ग्रुप मेडिकल डायरेक्टर डॉ संदीप बुद्धिराजा शामिल रहे।

सीएम केजरीवाल ने कहा कि इन 5 लोगों की कमेटी में विचार विमर्श करके और दिल्ली के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पर नजर डालकर उन्होंने अपनी रिपोर्ट दी है। उन सब का यही कहना है कि दिल्ली में इस वक्त कोरोनावायरस के मामले बहुत ज्यादा बढ़ रहे हैं और जून के अंत तक दिल्ली को लगभग 15000 बेडस की जरूरत होगी। यह कहां से आएंगे? इसलिए उनका सुझाव है कि दिल्ली के सारे अस्पताल केवल दिल्ली के लोगों के लिए केवल कुछ महीनों के लिए होने चाहिए। दिल्ली के अस्पतालों को अभी सभी लोगों के लिए खोला नहीं जाना चाहिए। उन्होंने यह कहा है कि अगर सबके लिए यह अस्पताल खोल दिए तो 3 दिन के अंदर आज जो 9000 बेड दिल्ली सरकार ने कोरोनावायरस मरीजों के लिए रखे हैं यह मात्र 3 दिन के अंदर भर जाएंगे। इन सभी चीजों पर कैबिनेट ने गौर किया और निर्णय लिया कि हमें एक संतुलन बनाने की जरूरत है।

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों में 10000 बेड हैं। केंद्र सरकार के अस्पतालों में भी 10000 बेड हैं। अब जब कल से बॉर्डर खुल रहे हैं तो दिल्ली सरकार के जो अस्पताल हैं वह अस्पताल केवल दिल्ली के लोगों के लिए रिजर्व होने चाहिए और केंद्र सरकार के अस्पतालों में कोई भी आकर के इलाज करा सकता है। उसके ऊपर दिल्ली सरकार कोई भी आदेश पारित नहीं करेगी।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि प्राइवेट अस्पताल केवल दिल्ली वालों के लिए रिजर्व रहेंगे लेकिन कुछ प्राइवेट अस्पताल ऐसे हैं जो स्पेशल किस्म की सर्जरी करते हैं जो सर्जरी बाकी देश भर में नहीं होती है और लोगों को अपनी जान बचाने के लिए दिल्ली आना पड़ता है। उन सर्जरी के लिए देशभर के लोग दिल्ली आकर अपनी सर्जरी करवा सकते हैं। यह पूरे देश के लोगों के लिए खुला रहेगा।

इसी के साथ दिल्ली में रेस्टोरेंट मॉल और धार्मिक स्थान खोले जा रहे हैं। हालांकि जब यह खोलें आएंगे तो सोशल डिस्टेंसिंग डिस्टेंस का ध्यान रखा जाएगा। दिल्ली में बैंकट हॉल और होटल बंद रखें जाएंगे। अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि आने वाले दिनों में होटल और बैंकट हॉल को कोविड-19 अस्पतालों के साथ अटैच कर के उनको हॉस्पिटल में बदला जा सकता है। इसके मद्देनजर होटल और बैंकट हॉल बंद रखे जा रहे हैं।

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